वाटिकन सिटी, वृहस्पतिवार 25 अप्रैल 2013( सीएनए): "कलीसिया प्यार की कहानी है न कि मानवीय
उद्यम की, विश्वासियों को यह याद रखना है कि प्यार में ही कलीसियी का विकास संभव है।"
यह बात संत पापा फ्राँसिस ने 24 अप्रैल को प्रेरितिक आवास संता मार्था में ख्रीस्तयाग
के दौरान कहा। उन्होंने अपने उपदेश में कहा "कलीसिया की शुरुआत पिता ईश्वर के हृदय
में हुई है।" इसलिए यह एक ऐसी प्रेम कहानी है जो प्रारम्भ होकर लम्बे समय तक चलती आ रही
है और जिसका कभी अन्त नहीं हुआ है।" उन्होंने अपने युक्ति का विश्लेषण करते हुए कहा हम
कलीसिया के विश्वासी प्रेम कहानी के मध्य में हैं तथा प्रत्येक जन इस प्यार के सूत्र
से बंधा है पर यदि हम इसे नहीं समझते है तो कलीसिया को कुछ भी नहीं समझ पाये हैं।" प्रारंभिक
कलीसिया के विकास और अत्याचार को इंगित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने इस बात पर बल दिया
कि विश्वासीगण उद्यम में अधिक ग्राहकों को पाने के लिए समझौता न करें । उन्होंने
आगाह किया कि मानवीय शक्ति से कलीसिया नहीं बढ़ती है, पर प्यार के रास्ते से "यद्यपि
कुछ ख्रीस्तीयों ने धर्मयुद्ध का रास्ता अपनाया जो कि प्रेम कहानी नहीं है। तथापि हम
ग़लतियों से सीखते हैं कि किस प्रकार प्रेम कहानी चलती है। पवित्र आत्मा कलीसिया का संचालन
करती है न कि कोई फ़ौजी शक्ति।" संत पापा ने उपस्थित माताओं से सवाल किया, "वे कैसा
अनुभव करेंगी जब उन्हें एक घरेलू व्यवस्थापक की संज्ञा दी जायेगी? अपने सवाल के उत्तर
में उन्होंने कहा, नहीं, वे माँ कहलाना पसंद करेंगी। उसी प्रकार कलीसिया एक माँ है और
हम उसके प्रेम कहानी के बीच में हैं जो लगातार पवित्र आत्मा की शक्ति को धन्यवाद देती
है। हम सभी माता कलीसिया रूपी परिवार के सदस्य हैं। अंत में संत पापा ने माता मरिया
से प्रार्थना की कि वह अपने पुत्र से हमारे लिए प्रार्थना करे, जिससे "हम इस प्रेम कहानी
के आध्यात्मिक आनन्द की कृपा को प्राप्त कर सकें।" ज्ञात हो कि संत पापा ने वाटिकन
प्रेरितिक आवास संता मार्था में वाटिकन बैंक के कर्मचारियो के लिए पवित्र मिस्सा सम्पन्न
किया।