वाटिकन सिटीः अपनी महिमा खोजने वालों के लिये स्थान नहीं, सन्त पापा फ्रांसिस
वाटिकन सिटी, 23 अप्रैल सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन के सन्त मर्था आवास में 22 अप्रैल को
ख्रीस्तयाग के अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने "येसु ख्रीस्त भले गड़ेरिये" सम्बन्धी सुसमाचार
पाठ पर चिन्तन किया। सन्त पापा ने कहा, "ख्रीस्तीय समुदाय में भी कई लोग ऐसे हैं
जो येसु रूपी मुख्य द्वार से होकर नहीं अपितु पिछवाड़े से चरागाह में प्रवेश करते हैं।
ये लोग आरोहक हैं, चोर हैं, लुटेरे हैं जो अपनी महिमा खोजते हैं। वे प्रभु ख्रीस्त की
महिमा का बखान नहीं करते अपितु अपनी महिमा चाहते हैं।" सन्त पापा ने कहा कि ऐसी ही
फटकार प्रभु येसु ख्रीस्त ने फरीसियों को बताई थी जो धर्म को व्यापार समझते थे तथा एक
दूसरे के अनुमोदन की खोज में लगे रहते थे। सन्त पापा ने कहा कि मुक्ति का, "प्रवेश द्वार
प्रभु येसु ख्रीस्त है और जो उनसे होकर इस द्वार में प्रवेश नहीं करता वह भ्रम में पड़ा
है।" प्रभु येसु ख्रीस्त ही द्वार हैं यह कैसे समझा जा सकता है? इस प्रश्न के उत्तर
में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "येसु के आशीर्वचनों पर ध्यान केन्द्रित करना तथा उनका
अनुसरण करना पर्याप्त है। विनीत, अकिंचन, दयालु एवं न्यायसंगत होना पर्याप्त है।" सोमवार
के ख्रीस्तयाग में परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल थे।