स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश
वाटिकन सिटी, सोमवार 22 अप्रैल सन् 2013( सेदोक): रोम स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में, रविवार 21 अप्रैल को, मध्याह्न "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना से पूर्व,
तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के समुदाय को सम्बोधित कर संत पापा फ्राँसिस ने कहा: अति
प्रिय भाइयो एवं बहनों, सुप्रभात ! पास्का के चौथे रविवार की विशिष्ठता प्रतिवर्ष
पढ़े जाने वाले संत योहन रचित सुसमाचार के 10वें अध्याय में निहित भले गड़ेरिये का दृष्टान्त
है। आज का यह पाठ येसु के इन शब्दों को हमारे सामने रखता है "मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती
हैं, मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करते हैं। मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ
और उनका कभी विनाश नहीं होगा कोई भी उन्हें मेरे हाथों से छीन नहीं सकेगा, मेरे पिता
ने उन्हें मुझे सौंपा है, वह सबसे बड़ा है और कोई भी मेरे पिताजी के हाथों से उन्हें
छीन नहीं सकेगा। मैं और पिता एक हैं" (यो. 10:27-30) इन चार पदों में येसु का पूरा संदेश
निहित है। इसी में सुसमाचार का मूल है। वे हमें उनके और पिता के बीच संबंध के सहभागी
बनने के लिए निमंत्रण देते हैं, यही अनन्त जीवन है।
येसु अपने मित्रों के साथ
एक रिश्ता स्थापित करना चाहते हैं जो खुद उनके तथा पिता के बीच संबंध का प्रतिबिंब है;
एक ऐसा रिश्ता जो आपसी विश्वास में पूर्ण अपनेपन और पूरी तरह एक हो जाने का एहसास देता
है। इस मित्रता के रिश्ते की गहन समझ को स्पष्ट करने के लिए येसु गड़ेरिये के साथ भेड़ों
के प्रतीक का प्रयोग करते हैं। गड़ेरिया भेड़ों को बुलाता और वे उनकी आवाज पहचानकर, उनके
बुलावे का प्रत्युत्तर देते हुए उसका अनुसरण करते हैं। यह एक बहुत सुन्दर दृष्टांत है।
आवाज
का रहस्य महत्वपूर्ण है, विचार करें कि माता का गर्भ में हम उनकी आवाज पहचानना सीखते
हैं वैसे ही पिता की आवाज को भी, उनकी आवाज की ध्वनि से प्यार और तिरस्कार की आवाज तथा
स्नेह और शीतलता की आवाज को समझ सकते हैं। येसु की आवाज अद्वितीय है! यदि हम उनको पहचानना
सीखें तो वे जीवन के पथ पर हमारा मार्गदर्शन करते हैं। जीवन का पथ जो मौत की खाई के
परे जाता है। पर येसु एक बिन्दु पर अपने भेड़ों की चर्चा करते हुए कहते हैं "मेरे
पिता ने जिन्हें मुझे सौंपा है..." (यो.10:29)। यह बहुत महत्वपूर्ण है, यह एक गहरा रहस्य
है और समझने में आसान नहीं है! यदि मैं स्वतः येसु के प्रति आकर्षित अनुभव करता हूँ,
यदि उनकी आवाज मेरे दिल को आनन्द प्रदान करती है तो यह पिता ईश्वर की कृपा है। जिन्होंने
मेरे दिल में प्यार, सच्चाई, जीवन और सुन्दरता की चाह भर दी है येसु इन सभी सदगुणों की
परिपूर्णता है। यह बुलाहट के रहस्य को समझने में हमारी मदद करता है विशेषकर समर्पित
जीवन के लिए। कभी कभी येसु हमें बुलाते और अपना अनुसरण करने के लिए निमंत्रण देते हैं,
पर शायद हम छोटे सामुएल की तरह इस निमंत्रण के प्रति सचेत नहीं रहते हैं। संत पापा
ने उपस्थित सभी युवाओं को सम्बोधित कर कहा, "मैं आप सबसे पूछना चाहता हूँ, क्या आपने
कभी ईश्वर की व्यथित आवाज को एक तेज इच्छा रुप में सुना है जो अधिक निकटता से उनके अनुसरण
हेतु हमें बुलाते हैं। क्या कभी आपको येसु के शिष्य बनने की चाह महसूस हुई? युवाओं
को चाहिए कि वे उच्च आदर्शों के प्रति प्रयासरत रहें। येसु से पूछें कि वे आप से क्या
चाहते हैं तथा साहसी बनें। हर पुरोहितिक या धर्मसंघी बुलाहट के पीछे किसी की शक्तिशाली
और सतत प्रार्थना है, यह प्रार्थना दादी- दादा या माता-पिता या किसी समुदाय की हो सकती
है। इसीलिए येसु ने कहा था; "फसल के स्वामी से विनती करो।" (मत्ती.9:38) बुलाहट सिर्फ
प्रार्थना से प्रस्फूटित होती है, तथा प्रार्थना से ही सुदृढ़ होती और फल उत्पन्न करती
है। संत पापा फ्राँसिस ने बुलाहटों के लिए विश्व प्रार्थना दिवस को याद दिलाते
हुए रोम धर्मप्राँत के नये पुरोहितों के लिए विशेष प्रार्थना का आहवान किया जिनका पुरोहिताभिषेक
रविवार को सम्पन्न हुआ। उन्होंने माता मरिया की मध्यस्थता का आह्वान कर कहा कि वे एक
ऐसी नारी हैं जिन्होंने "हाँ" कहा, और येसु की आवाज को पहचानना सीखा क्योंकि उन्होंने
उन्हें धारण किया था। हम प्रार्थना करें कि मरिया हमें येसु की आवाज को अच्छी तरह पहचानने
और उसका अनुसरण करते हुए जीवन के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद दें। इतना कहने के
बाद संत पापा ने "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना का पाठ कर सबको अपने प्रेरितिक आर्शीवाद
दिया। तत्पश्चात उन्होंने वेनेजुएला में इन दिनें हुई घटनाओं पर शोक व्यक्त करते
हुए लोगों के प्रति आध्यात्मिक सामीप्य प्रकट किया तथा देश के लोगों को कठिनाई में आशा
रखकर धीर बने रहने की सलाह दी। संत पापा ने कहा, वेनेजुएला वासियों विशेषकर राजनीतिक
नेताओं और बुद्धि जीवियों, आप हर प्रकार की हिंसा का बहिष्कार करें तथा सच्चाई, आपसी
मान्यता, जनता के हित और देश के प्यार पर आधारित वार्ता को बढ़ावा दें। मैं सभी विश्वासियों
से आग्रह करता हूँ कि वे पुनर्मिलन एवं शांति के लिए प्रार्थना और प्रयास करें। आइये
हम पूरे भरोसे के साथ वेनेजुएल को कोरोमोटो की माता मरिया के हाथों सुपूर्त करें। उसके
बाद संत पापा ने दक्षिण पूर्व चीन में भूकम्प से पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना की। सोंद्रियो
में आज, 16 वीं शताब्दी के अंत तथा 17वीं शताब्दी के आरम्भ में जीवन यापन करने वाले काथलिक
पुरोहित डॉन निकोलो रुस्का वालटेल्लिना की धन्य घोषणा है। वे दीर्घकाल तक सोंद्रियो के
आदर्श पल्ली पुरोहित रहे तथा उस युग में युरोप में व्याप्त राजनैतिक एवं धार्मिक संघर्षों
के दौरान मारे गये। उनके साक्ष्य के लिए हम प्रभु ईश्वर की प्रशंसा करें। तदोपरान्त
संत पापा ने देश-विदेश से आये सभी तीर्थयात्रियों को आर्शीवाद देते हुए बुलाहट के लिए
विश्व प्रार्थना दिवस पर सबसे बुलाहटों के लिए विशेष प्रार्थना का आग्रह किया। उन्होंने
बताया कि "बुलाहटों के लिए विश्व प्रार्थना दिवस" 50 वर्षों पूर्व संत पापा पौल छटवें
के द्वारा स्थापित किया गया था। फ्राँस के संत हन्नीबल जो बुलाहटों के प्रेरित जाने जाते
हैं जो हमें भी बुलाहट के लिए प्रार्थना करने की याद दिलाते हैं। अंत में संत पापा
ने शुभ रविवार की मंगल कामना करते हुए भक्त समुदाय से विदा ली।