वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने "प्लाज़ा दे मायोन" की माताओं को प्रेषित किया सन्देश
वाटिकन सिटी, 19 अप्रैल सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने, गुरुवार को, आर्जेन्टीना
के प्लाज़ा दे मायो की माताओं के मानवाधिकार संगठन को एक सन्देश प्रेषित कर कहा कि सन्त
पापा उन सब माताओं एवं परिवारों के दुख में शरीक हैं जो अपने लापता लोगों के लिये शोक
मना रहे हैं। आर्जेन्टीना के प्लाज़ा दे मायो की माताओं के मानवाधिकार संगठन के
अध्यक्ष हेबे दे बोनफानी द्वारा 21 मार्च को सन्त पापा फ्राँसिस को भेजे गये पत्र के
उत्तर में वाटिकन के उपविदेश सचिव मान्यवर अन्तोनियो काम्मीलेरी ने सन्त पापा की ओर से
10 अप्रैल को भेजे पत्र में लापता लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया तथा अन्याय के विरुद्ध
आवाज़ उठानेवालों एवं निर्धनता निवारण हेतु प्रयासरत लोगों को अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन
दिया। मान्यवर काम्मीलेरी ने लिखा, "सन्त पापा आपके पत्र के लिये आभार व्यक्त करते
तथा आपकी दयालुता का उत्तर देते हुए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि अन्याय और निर्धनता
की समाप्ति हेतु आपके संघर्ष को समर्थन मिले ताकि विश्व के असंख्य लोगों की पीड़ा का
अन्त हो सके। सन्त पापा उन सब लोगों के समीप हैं जो हाशिये पर जीवन यापन करनेवाले लोगों
की सहायता करते, उन्हें समझने की कोशिश करते तथा उनकी आकाँक्षाओं को पूरा करने हेतु कार्य
करते हैं। आशा और समर्थन के चिन्ह रूप में सन्त पापा सबपर प्रभु ईश्वर के अनुग्रह की
मंगलयाचना करते हैं।" सन् 1976 से सन् 1983 तक आर्जेन्टीना में चले सैनिक तानाशाही
शासन के दौरान लापता हुए लोगों की शिकायत हेतु आर्जेन्टीना के प्लाज़ा दे मायो की माताओं
के संगठन की स्थापना सन् 1977 ई. में हुई थी। सन् 1977 ई. के बाद से प्रति गुरुवार को
आर्जेन्टीना की माताएँ, आर्जेन्टीनियाई सरकार की प्रशासनिक पीठ "काज़ा रोसादा" यानि गुलाबी
भवन के समक्ष प्रदर्शन करती रही हैं।