2013-04-16 12:15:53

वाटिकन सिटीः पाखण्ड ख्रीस्तीय विश्वसनीयता को नष्ट करता, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, 16 अप्रैल सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस का कहना है कि जब कथनी और करनी में फर्क होता है तब ख्रीस्तीय विश्वसनीयता को क्षति पहुँचती है।
रविवार को रोम स्थित सन्त पौल महागिरजाघर की पीठ के परमाध्यक्षीय अनुष्ठान हेतु आयोजित ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि वे पुरोहित और वे लोकधर्मी जो कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं वे ख्रीस्तीय विश्वसनीयता को क्षति पहुँचाते हैं।
उन्होंने कहा कि स्वयं अपने जीवन में सुसमाचारी मूल्यों का वरण किये बिना तथा सुसमाचार का साक्ष्य दिये बिना सुसमाचार की उदघोषणा नहीं की जा सकती।
सन्त पापा ने कहा, "जो कुछ हम मुख से बोलते हैं वह हमारे जीवन में दृष्टिगोचर होना चाहिये।"
उन्होंने कहा, "पुरोहितों एवं विश्वासियों की कथनी और करनी के बीच विद्यमान असंगति तथा वचन और कर्म में अन्तर कलीसिया को अविश्वसनीय बना देता है।"








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