2013-04-10 12:39:21

उत्तरी भारत की कलीसिया गुजरात के आदिवासी ईसाइयों के कल्याण और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी


सूरत, 10 अप्रैल 2013 ( उकान) : गुजरात में आदिवासियों की बढ़ती संख्या के मदेनज़र, उत्तरी भारत की कलीसिया (सीएनआई) गुजरात राज्य के ईसाइयों के कल्याण और विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी।
गुजरात के धर्माध्यक्ष श्रद्धेय सिलवान्स एस ख्रीस्तीयन ने 7 अप्रैल को एकता महोत्सव में डांग जिला के सीमावर्ती व्यारातालुका स्थित आदिवासी गाँव पीपलवाड़ा के मसीही समुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा, "हम दक्षिणी गुजरात के आदिवासी क्षेत्र का एक नया पहचान देना चाहते हैं। ... हम इस क्षेत्र एवं यहाँ के लोगों का समग्र विकास चाहते हैं।"
ज्ञात हो कि एकता महोत्सव में डांग एवं पड़ोसी राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मसीही समुदाय से क़रीब दस हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन सीएनए गुजरात धर्मप्रांत एवं फ्रेंड मिशनरी प्रेयर बैंड के द्वारा किया गया था।
दक्षिणी गुजरात में पीपलवाड़ा पहला गाँव है जहाँ सन् 1996 में सम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हुए थे तथा सन् 1998 में ख्रीस्तीय विरोधी हमला हुए थे।








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