मुम्बईः भारतीय युवाओं के लिये सन्त पापा से मुलाकात कृपा का एक क्षण
मुम्बई, 05 अप्रैल सन् 2013 (एशियान्यूज़): भारत के विश्वविद्यालयीन छात्रों ने सन्त
पापा फ्राँसिस के साथ अपनी मुलाकात को कृपा का एक क्षण निरूपित किया है। 27 मार्च
को, वाटिकन में, सन्त पापा फ्राँसिस के प्रथम साप्ताहिक आम दर्शन समारोह में भारतीय युवा
प्रतिनिधिमण्डल ने सन्त पापा फ्रांसिस का साक्षात्कार कर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया था। मुम्बई,
उड़ीसा तथा दिल्ली से रोम आये प्रतिनिधिमण्डल के अध्यक्ष केविन डिसूज़ा ने सन्त पापा
के साक्षात्कार के विषय में एशिया न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि सन्त पापा से मिलना
उनका सौभाग्य था। उन्होंने कहा, "वह कृपा का एक क्षण था जिसने हमें हमारे शेष जीवन के
लिये आनन्द से परिपूर्ण कर दिया तथा पवित्रता के पथ पर बढ़ने हेतु प्रेरणा दी है।" भारत
का युवा प्रतिनिधिमण्डल 46 वें "यूनीव" सम्मेलन के लिये रोम में था जिसनें बाद में पुण्य
सप्ताह एवं पास्का महापर्व भी रोम में ही मनाया। "यूनीव" की स्थापना सन् 1968 ई. में
"ओपुस देई" काथलिक लोकधर्मी संगठन के संस्थापक सन्त होसे मरिया एसक्रीवा द्वारा काथलिक
विद्यार्थियों के लिये की गई थी। साप्ताहिक आम दर्शन समारोह के दौरान सन्त पापा जब
सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र भक्त समुदाय को दर्शन दे रहे थे तब भारतीय
युवाओं को उनसे हाथ मिलाने का मौका मिला। केविन डीसूज़ा ने सन्त पापा के साथ मुलाकात
का विवरण करते हुए बताया कि उन्होंने उनकी अँगूठी चूमी तथा उनसे कहा कि उनकी आशा है कि
सन्त पापा भारत की यात्रा करें। भारतीय ध्वज को आशीर्वाद देने का भी उन्होंने सन्त पापा
से आग्रह किया। केविन के अनुसार सन्त पापा का आशीर्वाद भारत के समस्त विश्वविद्यालयीन
छात्रों के लिये था।