2013-04-04 18:52:25

केन्द्र सरकार श्रीलंकावासियों पर हो रही हिंसा रोके


कोलोम्बो, वृहस्पतिवार, 4 अप्रैल, 2013 (कैथन्यूज़) कोलोम्बो के अंगलिकन धर्माध्यक्ष धिलोराज कानागसाबे ने भारत सरकार से अपील की है कि वह तमिलनाडू प्रवेश करने वाले श्रीलंकावासियों पर हिंसा को ‘तुरन्त’ रोके।

उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार और तमिलनाडू सरकार से इस बात की उम्मीद करते हैं कि वे श्रीलंका के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाये रखेंगे जिसे उन्होंने वर्षों से बरक़रार रखा है।

मान्यवर धर्माध्यक्ष कानागसाबे ने कहा कि इस मामले को भारत ज़िम्मेदारीपूर्ण तरीके से निभायेगा ताकि फिर से कोई ऐसी नस्ली हिंसा न भड़के जिसे पिछले 30 सालों दोनों समुदायों ने झेला है।

उन्होंने कहा कि कोलोम्बो धर्मप्राँत के अंतर्गत अंगलिकन चर्च ऑफ सिलोन किसी भी प्रकार की हिंसा के प्रति अपनी चिंता प्रकट करती है और किसी भी जातीय या नस्ली हिंसा के प्रति कड़ा विरोध जताती है।

उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता की भावना और अतिवादी विचारधारा के कारण समाज में दहशत का वातावरण फैलता जा रहा है।
मालूम हो कि श्रीलंका में तमिलों पर अत्याचार के खिलाफ केंद्र सरकार से पिछले दिनों द्रमुक की समर्थन वापसी के बाद तमिलनाडु में राजनीति अपने चरम पर पहुंचती नज़र आ रही है।
तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री जयललिता सरकार ने बुधवार को एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें भारत सरकार से संयुक्त राष्ट्र के सामने श्रीलंका में अलग तमिल ईलम राज्य बनाने के उद्देश्य से एक प्रस्ताव लाकर जनमत संग्रह कराने की मांग भी कर दी है।
इसके अलावा भारत सरकार से श्रीलंका को मित्र मुल्क का दर्जा बंद करने और लिट्टे के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय जांच बिठाए जाने की अपील की गई।
प्रस्ताव में कहा गया कि युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय अदालत में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
जयललिता के जबरदस्त दबाव के चलते चेन्नई में होने वाले आइपीएल मैचों के लिए श्रीलंकाई खिलाड़ियों को खेलने से रोक दिया गया है।
दूसरी ओर, श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने आरोप लगाया कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की शांति बिगाड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।











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