2013-04-02 11:54:30

याँगूनः महाधर्माध्यक्ष ने बौद्ध एवं मुसलमानों के बीच हिंसा समाप्त करने का किया आह्वान


याँगून, 02 अफ्रैल सन् 2013 (एशिया समाचार): म्यानमार में याँगून के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स बो ने बौद्ध एवं मुसलमानों के बीच विगत दो सप्ताहों से जारी हिंसा की समाप्ति का आह्वान किया है।
विगत सप्ताहान्त प्रकाशित महाधर्माध्यक्ष बो के शान्ति एवं आशा सम्बन्धी सन्देश को देश के अन्तरधार्मिक युवा संगठनों का भी समर्थन मिला है।
20 मार्च से म्यानमार, बौद्ध एवं इस्लाम धर्मानुयायियों के बीच, हिंसा का रंगमंच बना हुआ है जिसमें दर्ज़नों की मृत्यु हो गई है तथा कई घायल हो गये हैं।
बर्मा के कुछेक विशेषज्ञों के अनुसार सेना के निकटवर्ती दल तथा चरमपंथी बौद्ध दल हिंसा भड़काने के लिये ज़िम्मेदार हैं। उनके अनुसार ये पुनः सैन्य शासन चाहते हैं।
महाधर्माध्यक्ष ने अपने सन्देश में लिखाः "प्रेम और दया बौद्ध, इस्लाम एवं ख्रीस्तीय धर्मों के केन्द्रभूत मूल्य हैं। इसी कारण, सभी धर्मों के नेताओं का एकसाथ मिलना, बातचीत करना, एक दूसरे को सुनना तथा एक संयुक्त कारर्वाई पर सहमत होना अनिवार्य और महत्वपूर्ण है।"
बर्मा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स बो ने लिखाः "एकता एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व केवल संविधान अथवा सेना द्वारा ही हासिल नहीं किये जा सकते अपितु प्रेम के विधान द्वारा भी जो शांति स्थापना का एकमात्र विधान है।"
गुरुवार को राजकीय टेलेविज़न पर म्यानमार के राष्ट्पति ने चेतावनी दी थी कि जान माल की हानि को रोकने के लिये वे "राजनैतिक अवसरवादियों एवं धार्मिक चरमपंथियों" के विरुद्ध शस्त्र बल प्रयोग करने हेतु हिचकियायेंगे नहीं।
20 मार्च को, मैखतिला नगर में, एक मुसलमान सुनार तथा बौद्ध ग्राहक के बीच कहा सुनी के बाद भड़के, बौद्ध-मुसलमाल दंगों में, पुलिस के अनुसार, अब तक 42 लोगों के प्राण चले गये हैं तथा सम्पत्ति की अपार क्षति हुई है जिनमें 37 धार्मिक स्थल, अधिकांश मस्जिद, तथा 1,227 घर शामिल हैं।
मैखतिला नगर में भड़के दंगों ने म्यानमार के 11 अन्य शहरों को प्रभावित किया है।
Pakistan: Christian workers demand end to discrimination








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