पास्का सोमवार को स्वर्गीय रानी प्रार्थना के पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश
मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आप सबों को पास्का पर्व की शुभकामनायें। ख्रीस्तीय
विश्वास के सबसे बड़े रहस्य पास्का त्योहार को मनाने के लिये इतनी बड़ी संख्या में यहाँ
एकत्र होने के लिये आप सबों को धन्यवाद। पास्का पर्व हमें बतलाता है कि येसु का
पुनरुत्थान की शक्ति प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँच सकती है, विशेष करके उन लोगों तक जो कष्ट
झेलते हैं और जिन्हें आत्मविश्वास और आशा की सख़्त ज़रूरत है। येसु ने बुराई पर
पूर्ण एवं निश्चित रूप से विजय प्राप्त की है पर यह हम पर निर्भर करता है कि हम उनकी
विजय को अपने समाज और दुनिया की विभिन्न सच्चाइयों के बीच कितना महत्व देते हैं। पास्का
काल में एक विशेष बात की ओर हमारा ध्यान खींचे जाने की आवश्यकता है कि हम विभिन्न धर्म-
विधियों के द्वारा ईश्वर पिता से यह निवेदन करते हैं, " हे पिता परमेश्वर, आप इस कलीसिया
को नये सदस्यों के द्वारा आगे बढ़ाने में मदद दे और विश्वासियों को सहायता दे ताकि वे
उस विश्वास को दूसरों को बाँट सकें जिन्हें उन्होंने ख्रीस्तीय जीवन के संस्कारों में
पाया है।" सच है कि बपतिस्मा संस्कार में हम ईश्वर की संतान बनते हैं और यूखरिस्त
में येसु मसीह से एक हो जाते हैं इसलिये आज हमें चाहिये कि हम अपने जीवन, व्यवहार, मनोभावनाओं
और निर्णयों द्वारा इस बात का साक्ष्य दे। पास्का पर्व में जो कृपायें है उनमें वो
दिव्य शक्ति है जो व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों को बदल सकती है। फिर भी ध्यान
देने की बात है कि सबकुछ मानव ह्रदय से होकर गुज़रता है। अगर हम जीवित येसु की कृपा
पाने के लिये तैयार हैं तो अपने को बदलने तथा विजयी येसु के साथ अपने जीवन को सफल बनाने
के लिये भी तैयार हो जायें, तब वे हमारे और दूसरों की क्षति किये बग़ैर हमें सुन्दर बना
देंगें। यही है ईश्वरीय कृपा का सामर्थ्य। बिना ईश्वरीय शक्ति के हम कुछ भी नहीं कर सकते
हैं। हम बपतिस्मा और पवित्र परमप्रसाद की शक्ति से दूसरों के लिये ईश्वरीय दया के साधन
बन सकते हैं। प्रिय भाइयों एवं बहनों, मैं यह नहीं कहता कि आप अपने जीवन और कामों
से उस शक्ति को प्रकट कीजिये जिसे आपने संस्कारों के द्वारा पाया है पर मैं कहता हूँ
आप अपने जीवन के आनन्द से इस शक्ति का साक्ष्य दीजिये। ईश्वरीय कृपा का साधन बनने की
खुशी को ऐसा दिखाइये मानों कि आप पवित्र आत्मा द्वारा प्रेरित उस दाखलता की डालियाँ हों
जो और कोई दूसरा नहीं – पर येसु ही हैं। आज मृत और पुनर्जीवित येसु के नाम और माता
मरियम की मध्यस्थता द्वारा प्रार्थना करें ताकि पास्का रहस्य हमें मदद दे और हम घृणा
पर प्रेम से, असत्य पर सत्य से, बदले की भावना को क्षमा से और निराशा को आनन्द से जीत
सकें। इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया। उन्होंने संत पेत्रुस
महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व के विभिन्न महादेशों से बड़ी तादाद में उपस्थित विश्वासियों,
भक्तों और तीर्थयात्रियों को उनकी प्रार्थनाओं के लिये धन्यवाद दिया और उन्हें प्रेम
और शांति का आशीर्वाद दिया।