रोमः सन्त पापा फ्राँसिस ने, दो महिलाओं सहित, बारह युवा क़ैदियों के धोए पाँव
रोम, 29 मार्च सन् 2013 (सेदोक): रोम के "काज़ाल देल मारमो" युवा कारावास में, गुरुवार
28 मार्च को सन्त पापा फ्राँसिस ने पुण्य गुरुवार की धर्मविधि सम्पन्न कर, दो महिलाओं
सहित, 12 युवा क़ैदियों के पैर धोए। प्रभु येसु मसीह के अन्तिम भोजन की स्मृति
में पुण्य गुरुवार की धर्मविधियाँ सम्पन्न की जाती हैं। इस दिन ख्रीस्तयाग के साथ साथ
येसु द्वारा शिष्यों के पैर धोने के कृत्य को भी दुहराया जाता है। गुरुवार को रोम
के "काज़ल देल मारमो" युवा कारावास में सन्त पापा फाँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा
पैर धोने की धर्मविधि दुहराई। इस अवसर पर उन्होंने दो महिलाओं सहित 12 युवा क़ैदियों
के पैर धोए जिनमें विभिन्न धर्मों के युवा शामिल थे। काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष
नियुक्त किये जाने से पूर्व, बोएनुस आयरस के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल मारियो बेरगोलियो
ने कई बार, पुण्य बृहस्पतिवार की धर्मविधि कारावासों, वृद्धाश्रमों अथवा अस्पतालों में
सम्पन्न की थी तथापि, उनसे पूर्व किसी भी सन्त पापा ने वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर
अथवा रोम स्थित सन्त जॉन लातेरान महागिरजाघर के अलावा कहीं भी पुण्य गुरुवार की धर्मविधि
सम्पन्न नहीं की थी। इसके अतिरिक्त, काथलिक कलीसियाई परम्परा के अनुसार, पुण्य बृहस्पतिवार
के दिन, सन्त पापाओं द्वारा अब तक पुरुषों के ही पैर धोए जाते रहे थे किन्तु गुरुवार
को "काज़ाल देल मारमो" युवा कारावास में, नवनियुक्त सन्त पापा फ्राँसिस ने इस परम्परा
को भंग कर दिया। वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने बाद में पत्रकारों
को बताया कि कारावास में सन्त पापा द्वारा अर्पित याग में कारावास के सभी 46 युवा क़ैदी
शामिल थे। इटली की गृहमंत्री पाओला सेवेरिनो ने भी ख्रीस्तयाग में भाग लिया। युवा
कारावास के आध्यात्मिक गुरु कैपुचिन धर्मसमाजी पुरोहित फादर गायतानो ग्रेको ने बताया
कि इस समय कारावास में क़ैद 46 युवाओं में केवल आठ इताली हैं, अन्य सभी आप्रवासी युवा
हैं जो विभिन्न धर्मों के अनुयायी हैं।