वाटिकन सिटीः साप्ताहिक आम दर्शन समारोह के अवसर पर सन्त पापा की धर्मशिक्षा माला
वाटिकन सिटी, 27 मार्च सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण
में साप्ताहिक आम दर्शन समारोह के अवसर पर अपनी धर्मशिक्षा माला जारी करते हुए सन्त पापा
फ्राँसिस ने उपस्थित भक्त समुदाय को इन शब्दों से सम्बोधित कियाः "अति प्रिय भाइयो
एवं बहनो, खजूर इतवार को हमने पुण्य सप्ताह का शुभारम्भ किया। पुण्य सप्ताह ख्रीस्तीय
धर्मविधिक वर्ष का केन्द्र है जिसमें हम उन महान घटनाओं का स्मरणोत्सव मनाते हैं जो,
सभी स्त्री- पुरुषों के लिये ईश्वर की प्रेममयी योजना को शक्तिशाली ढंग से अभिव्यक्त
करती हैं। येसु जैरूसालेम में प्रवेश करते हैं ताकि स्वतः को पूर्णतः अर्पित कर सकें।
वे हमें अपना शरीर और रक्त प्रदान करते हैं तथा हमारे साथ सदैव विद्यमान रहने की प्रतिज्ञा
करते हैं। पिता ईश्वर की इच्छा के प्रति आज्ञाकारी रहते हुए वे स्वतः को मृत्यु को समर्पित
कर देते हैं और इस प्रकार दर्शाते हैं कि वे हमसे कितना प्रेम करते हैं।" सन्त पापा
ने कहा, "हम उनके पद चिन्हों पर चलने हेतु बुलाये गये हैं। पुण्य सप्ताह हमारे समक्ष
यह चुनौती प्रस्तुत करता है कि हम स्वतः से बाहर निकले ताकि अन्यों की ज़रूरतों को पूरा
कर सकेः उनकी जो संवेदनशील कान की बाट जोह रहे हैं, जिन्हें सान्तवना एवं सहायता की आवश्यकता
है। हमें केवल अपने सुरक्षित विश्व तक ही सीमित नहीं रहना चाहिये, उन निनियान्वे भेड़ों
के झुण्ड में जो भेड़शाला से कभी अलग नहीं हुईं अपितु हमें, ख्रीस्त के साथ, खोई हुई
भेड़ को खोजने बाहर जाना चाहिये भले ही वह कितनी ही दूर क्यों नहीं भटक गई हो।" सन्त
पापा ने आगे कहा, "पुण्य सप्ताह बहुत अधिक विलाप करने का समय नहीं है बल्कि यह प्रभु
ख्रीस्त के सदृश विचार करने एवं कार्य करने का सुअवसर है। यह प्रभु द्वारा हमें दिया
गया कृपा का काल है ताकि हम विश्वास को जीने के नीरस एवं मशीनी तौर तरीकों के परे जायें
तथा अपने हृदय, अपने जीवन, अपनी पल्लियों, अपने अभियानों एवं संगठनों के द्वारों को अन्यों
के लिये खोलें। अन्यों की खोज में बाहर निकलें ताकि ख्रीस्त में अपने विश्वास की ज्योति
एवं आनन्द को उन तक पहुँचा सकें।"