वाटिकन सिटीः परमधर्मपीठ से संलग्न राजनयिकों से सन्त पापा की मुलाकात
वाटिकन सिटी, 22 मार्च सन् 2013 (सेदोक): वाटिकन स्थित क्लेमेनतीन सभागार में, सन्त पापा
फ्राँसिस ने, शुक्रवार 22 मार्च को, परमधर्मपीठ से संलग्न राजनयिकों से मुलाकात कर उन्हें
अपना सन्देश दिया। विश्व के लगभग 180 राष्ट्रों के साथ परमधर्मपीठ के कूटनैतिक सम्बन्ध
हैं। इस अवसर पर विश्व के कूटनीतिज्ञों को दिये सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने
कहा कि कूटनीतिज्ञों से मुलाकात कर वे, एक प्रकार से, सम्पूर्ण विश्व का आलिंगन करना
चाहते थे। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि राजनयिकों के माध्यम से वे सम्पूर्ण विश्व के
नागरिकों तक, उनकी आशा आकाँक्षाओं के साथ, पहुँच सके। उन्होंने कहा, ......... सन्त
पापा ने कहा, "इतनी विशाल संख्या में राजनयिकों की यहाँ उपस्थिति इस बात का संकेत है
कि आपके राष्ट्रों एवं परमधर्मपीठ के बीच विद्यमान सम्बन्ध फलप्रद सिद्ध हुए हैं तथा
वे सचमुच में मानवजाति के हित का स्रोत बने हैं।" केवल भौतिक निर्धनता पर ही नहीं
अपितु वर्तमान जगत की आध्यात्मिक निर्धनता पर भी ध्यान केन्द्रित करने का सन्त पापा ने
आग्रह किया। उन्होंने कहा कि निर्धनों की सेवा करना ज़रूरी है किन्तु उन लोगों को भी
नहीं भुलाया जाना चाहिये जो ईश्वर को भूल गये हैं। उन्होंने स्मरण दिलाया कि सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बारम्बार "सापेक्षवाद की निरंकुशकता" के ख़तरे के प्रति ध्यान
आकर्षित कराया था जिसमें लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं तथा शांतिपूर्ण सहअस्तित्व
को ख़तरे में डाल देते हैं। लोगों के बीच आपसी समझदारी एवं मैत्री की स्थापना के
लिये सन्त पापा फ्राँसिस ने वार्ताओं को अपरिहार्य निरूपित किया। उन्होंने कहा कि लोगों
के बीच सेतु निर्माण के लिये धर्म की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि ईश्वर के बिना लोगों
के बीच मैत्री एवं समझदारी की स्थापना असम्भव है। अन्त में अपने सन्देश का सार प्रकट
करते हुए सन्त पापा ने कहाः "भौतिक एवं आध्यात्मिक निर्धनता के विरुद्ध संघर्ष, शांति
निर्माण तथा सेतुओं का निर्माण, ये हमारी तीर्थयात्रा के सन्दर्भ बिन्दु हैं जिसके लिये
मैं यहाँ उपस्थित समस्त राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करना चाहता हूँ।" जिन
राष्ट्रों के साथ परमधर्मपीठ के कूटनैतिक सम्बन्ध नहीं हैं उन्हें भी सन्त पापा फ्राँसिस
ने आमंत्रित किया कि मानव परिवार के कल्याण हेतु वे भी उनके साथ मिलकर काम करें।