वाटिकन सिटीः आर्जेनटीना के नोबेल पुरस्कार विजेता ने सन्त पापा से की मुलाकात, आरोपों
का किया खण्डन
वाटिकन सिटी, 22 मार्च सन् 2013 (सेदोक): आर्जेनटीना के नोबेल पुरस्कार विजेता आडोल्फो
पेरेज़ एसक्वीवेल ने गुरुवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात की। आर्जेनटीना
के सैन्य तानाशाही शासन के दौरान मानवाधिकारों के अतिक्रमण के विरुद्ध आवाज़ बुलन्द करने
के लिये, सन् 1980 में, पेरेज़ एसक्वीवेल को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया
था। सन्त पापा के साथ 30 मिनटों तक बातचीत के उपरान्त रोम में पत्रकारों के सवालों
का उत्तर देते हुए पेरेज़ एस्क्वीवेल ने कहा कि यह बात ग़लत है कि सन्त पापा फ्राँसिस
तानशाही के दौरान मानवाधिकारों के अतिक्रमण को रोकने में असमर्थ रहे थे। सन् 1976
से सन् 1983 तक आर्जेनटीना में सैन्य तानाशाही जारी थी जिसके दौरान कम से कम 30,000 विरोधियों
एवं वामपंथियों की हत्या कर दी गई थी। सैकड़ों लापता हो गये थे तथा कईयों का अपहरण कर
लिया गया था। कई पुरोहित भी बन्धक बना लिये गये थे। आलोचकों का आरोप है कि येसु धर्मसमाज
के तत्कालील प्रान्ताध्यक्ष मारियो बेरगोलियो उन लोगों की रक्षा में विफल रहे जिन्होंने
तानाशाही के विरुद्ध आवाज़ उठाई थी। पेरेज़ एसक्वीवेल ने कहा, "सन्त पापा का तानाशाही
से कोई लेन देन नहीं था।" एस्क्वीवेल के अनुसार, "बेरगोलियो ने उस समय मौन कूटनीति को
पसन्द किया। इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि उन्होंने तानाशाही का साथ दिया। यह सरासर
ग़लत है।" सन्त पापा फ्राँसिस के मिशन के बारे में उन्होंने कहा कि उनका जीवन निर्धनों
के लिये रहा है और निर्धनों के लिये ही वे अपनी प्रेरिताई को जारी रखेंगे।