वाटिकन सिटी, वृहस्पतिवार, 21 मार्च, 2013 (एशियान्यूज़) इंडोनेशिया के मुस्लिम नेताओं
ने नये संत पापा के उनके संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी का पदभार ग्रहण करने पर बधाइयाँ
दीं हैं और काथलिक कलीसिया के साथ पूर्ण सहयोग करने की संकल्प को दुहराया है।
उन्होंने
बतलाया इंडोनेशिया का मुस्लिम समुदाय ने कुछ प्रस्ताव तैयार किये हैं जिनके द्वारा उनका
मानना है कि ईसाई-ईस्लाम वार्ता को बढ़ावा मिलेगा।
मुसलमानों के एक संगठन मुहाम्मादियाह
के अध्यक्ष दीन स्यामुद्दीन ने कहा कि उनकी आशा है कि नये पोप फ्राँसिस पूर्व पोप बेनेदिक्त
के कार्यों को आगे बढ़ायेंगे।
उनका मानना है कि नये संत पापा देश के दो बड़े
इस्लामिक संगठनों नहदलातुल उल्मा और मुहाम्मदियाह के साथ के साथ ‘सहमति ज्ञापन’ (मेमोरन्डम
ऑफ अंन्डरस्टैडिंग) पर हस्ताक्षर करेंगे।
दीन स्यामुद्दीन ने आशा व्यक्त की है
कि इस ज्ञापन से वाटिकन और मुस्लिम जगत् का संबंध सौहार्दपूर्ण हो सकता है। इसमें उन
बातों को भी शामिल किया जायेगा जिसके द्वारा इंडोनेशिया में काथलिकों की सुरक्षा सुनिश्चित
की जा सके।
मुहाम्मादियाह संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि इस ज्ञापन का उस समय बनाया
गया था जब उन्होंने वाटिकन सिटी में पिछले वर्ष अंतरधार्मिक वार्ता के लिये बनी परमधर्मपीठीय
समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जाँ लुईस तौराँन से मुलाक़ात की थी।
उन्होंने कहा
कि धन्य जोन पौल द्वितीय और ससम्मान सेवानिवृत्त पोप बेनेदिक्त सोलहवें दोनों इस्लाम
- ईसाई एकता के प्रबल समर्थक रहे हैं।
ज्ञात हो कि रोम में स्थित सानएजिदियो
समुदाय ने भी मुहाम्मादियाह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं ताकि दोनों समुदाय
मानवता के कल्याण के लिये कार्य कर सके।
उधर नहदलातुल उल्मा के एक बुद्धिजीवी
मुहम्मद अगुस मुलयादी ने आशा व्यक्त की है कि संत पापा फ्राँसिस मुसलमान नेताओं के साथ
संबंध सुदृढ़ करेंगे ताकि दोनों समुदाय के लोगों को इसका लाभ मिले और सहिष्णुता की भावना
बढ़े आपसी टकराव की स्थिति से बचा जा सके।
एक अन्य युवा नेता नूरसोन वाहीद ने
कहा है कि संत पापा फ्राँसिस का विकासशील देशों का अनुभवा एशियाई परिस्थितियों को समझने
में मददगार सिद्ध होगा। उनका मानना है कि संत पापा का ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के प्रति
संवेदनशील होना इंडोनेशिया सहित सब विकासशील देशों के लिये लाभदायी सिद्ध होगा।