मॉस्को, 20 मार्च सन् 2013 (एशियान्यूज़): मॉस्को के काथलिक महाधर्माध्यक्ष पौल पेत्सी
ने सन्त पापा फ्राँसिस की नियुक्ति के उपरान्त रूस के काथलिक एवं ऑरथोडोक्स धर्मानुयायियों
की प्रतिक्रियाओं की चर्चा करते हुए कहा कि नये सन्त पापा ख्रीस्त पर संकेन्द्रित हैं।
एशियान्यूज़ से बातचीत में महाधर्माध्यक्ष पेत्सी ने सन्त पापा फ्राँसिस के प्रथम
कृत्यों एवं प्रथम शब्दों पर टीका करते हुए कहा कि जो कुछ भी वे करते एवं बोलते हैं वह
सब ख्रीस्त के साथ उनके गहन सम्बन्ध को दर्शाता है। महाधर्माध्यक्ष महोदय ने कहा
कि फ्राँसिस नाम का चयन भी निश्चित्त रूप से अकिंचनता के जीवन तथा असीसी के सन्त फ्राँसिस
के सदृश क्राँतिकारी होने का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि सन्त पापा
फ्राँसिस पूर्णतः येसु ख्रीस्त के प्रति समर्पित हैं जिसके कारण अन्य बातें गौण हो जाती
हैं। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि अपनी परमाध्यक्षीय नियुक्ति के क्षण से ही सन्त पापा
फ्राँसिस ने यह दर्शा दिया कि वे लोगों के सन्त पापा हैं, वे लोगों के बीच रहकर उनके
बीच सुसमाचार का सन्देश फैलाना चाहते हैं। रूस के काथलिकों की प्रतिक्रियाओं के विषय
में उन्होंने कहा, "रूसी काथलिकों की प्रतिक्रियाएँ रचनात्मक रहीं हैं। मैंने उनमें नये
सन्त पापा को स्वीकार करने की एक वास्तविक, सहज एवं विनीत इच्छा का दर्शन किया है।"
उन्होंने कहा कि अनेक लोग सन्त पापा फ्राँसिस की प्रत्यक्षता से स्तब्ध एवं प्रभावित
हैं। ससम्मान सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के पदत्याग के विषय में मॉस्को
के महाधर्माध्यक्ष पेत्सी ने कहा कि पहले पहल लोग दुखी हुए किन्तु बाद में उन्होंने इस
बात को समझा कि बेनेडिक्ट 16 वें ने हार नहीं मानी थी अपितु उनका निर्णय हमें समझाने
के लिये था कि कलीसिया पर केवल प्रभु ख्रीस्त शासन करते हैं।