भारतीय धर्माध्यक्षों, धर्मसमाजियों एवं ख्रीस्तीय विश्वासियों द्वारा नये संत पापा फांसिस
का स्वागत
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 15 मार्च 2013( उकान इंडिया) : भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय
समिति, धर्मसमाजी एवं ख्रीस्तीय विश्वासियों ने काथलिक कलीसिया के 266वें शीर्ष नये संत
पापा फांसिस का स्वागत किया है। भारतीय धर्माध्यक्ष सम्मेलन के महासचिव महाधर्माध्यक्ष
अलर्ब्ट डिसूजा ने अपने वक्तव्य में कहा, "भारत की कलीसिया नये संत पापा के प्रति पूर्ण
वफादार एवं वचनवद्ध है।" उन्होंने कहा कि नये संत पापा को संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी
होने एवं पूरी मानवता के हित में कार्य करने के लिए पवित्र आत्मा की प्रेरणा एवं बल प्राप्त
हो।" सीआरआई ( काथलिक रेलिज्यस ऑफ इंडिया) ने खुशी जाहिर की है कि नये संत पापा जेस्विट
धर्मसंघी हैं। सीआरआई के राष्ट्रीय सचिव ब्रदर मनी मेकुनेल ने ई मेल में लिखा है "सीआरआई
अपने 1,30,000 सक्रिय धर्मसंघीयों के साथ स्नेह, आत्मीयता एवं प्रार्थनामय सामीप्य के
साथ नये संत पापा का स्वागत करता है।" ज्ञात हो कि नये संत पापा ने अपना नामकरण असीसी
के संत फ्रांसिस के नाम पर फ्रांसिस रखा और कलीसिया की बंधुत्व के लिए प्रार्थना की है।
संत पापा ने अपने प्रथम सम्बोधन में भाईयो एवं बहनों का प्रयोग किया।
मुम्बई
के एनजीओ, काथलिक सेकुलर फोरम (सीएसएफ) के अध्यक्ष जोसेफ डायस ने संत पापा फ्रांसिस के
चयन करने के लिए कार्डिनल मंडली को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि हम कार्डिनल मंडली
के निर्णय की सराहना करते हैं जिन्होंने गरीबों और न्याय के मुद्दों पर विशेष चिंता के
लिए विख्यात महानुभव का चयन, नये संत पापा रुप में किया हैं। उसने आशा व्यक्त की है कि
नये संत पापा अपने इस सदगुण को बनाये रखेंगे।