पत्र - दीवान रफिगुल इस्लाम, फ्रेंड्स रेडियो क्लब, नाउगाँव के पातीर मोड़ बंगलादेश साहब
21 प्रिय साहब/मैडम, मैं आपके कार्यक्रम की प्रस्तुतिकरण को पसंद करता हूँ क्योंकि
आप सबों की आवाज मधुर है। मैं आपके वार्तालाप करने के तरीके को भी पसंद करता हूँ। आप
अपने कार्यक्रम अच्छी तरह तैयार करते हैं। मैं हमेशा आपके प्रोग्राम से संतुष्ट हूँ।
कृपया मेरे लिए कोट पिन और चाभी रिंग भेजें।
मैं बड़ी उत्सुकता से आपकी पत्रिका
एवं अन्य वस्तुओं जैसे कार्ड, स्टीकर इत्यादि की प्रतीक्षा कर रहा हूँ उन वस्तुओं को
प्राप्त कर मुझे बड़ी खुशी होगी। मैं हमेशा आपके विषयों एवं इतिहास को पसंद करता हूँ
और लम्बे समय से लगातार पत्र लिखता रहा हूँ तथा प्रोग्राम भी सुनता रहूँगा। मैं समाचार
में रुचि नहीं रखता पर सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक प्रोग्राम में अधिक रुचि रखता हूँ। मुझे
खुशी है कि मैं आपके कार्यक्रम को हवा में सुन सकता हूँ।
पत्र - नेस्तोर
टोप्पो, सोगरा के मारगा, जशपुर। आपके द्वारा भेजी गयी पत्रिका मिल गयी। लेकिन अंदर
का फोटो नहीं मिला, कोई उसमें से निकाल कर ले गया। काम में व्यस्त होने के कारण मैं रेडियो
प्रोग्राम शाम को सुनता हूँ। मैं अब बूढ़ा हो चला हूँ तौभी सांस रहने तक सुनता रहूँगा।
इसलिए पत्रिका, संत पापा का फोटो एवं नया कैलेंडर भेजते रहने की कृपा करें।
पत्र-
अजीत कुमार चौधरी, पुरनहिया, शिवहर जिले, बिहार। मैं वाटिकन रेडियो का एक नया श्रोता
हूँ। मुझे आपके संगीत और अन्य कार्यक्रम बहुत पसंद है। कृपया मुझे भी अपने बड़े परिवार
का हिस्सा बना लें, अर्थात् डाक सूची में मेरा नाम व पता शामिल कर, मेरे लिए पत्रिका,
कार्यक्रम सूची और कुछ तस्वीर भेजें। प्रभु येसु मसीह के नाम में नमस्कार। आप तमाम बंधु
खुश रहें।
पत्र- फा. अक्वीनस सि. आर, मरियांजलि आश्रम, सुन्दरगढ़, उड़िसा। जय
येसु, खेद की बात है कि मैं बाटिकन रेडियो का हिन्दी प्रसारण नहीं सुन पा रहा हूँ। केवल
सबेरे की सभा में अग्रजी को 31 मी. बैंड पर साफ-साफ सुन सकता हूँ। 6 बजे के बाद वाले
प्रसारण को नहीं सुन सकता हूँ। अग्रेजी में कहा जाता है कि 19 मी. बैण्ड में दूसरे समय
पर प्रसारण किया जाता है पर कहीं से कोई आवाज नहीं आती है। यदि संभव हो तो मेरा नाम पंजीयन
करने वालों के साथ पंजीकृत कर वाटिकन पत्र भेजने का कष्ट करें। जिससे कि मैं सुन नहीं
सकता, पर कम से कम कुछ पढ़ सकता हूँ।