कॉनक्लेव की तैयारी एवं दृष्टिकोण पर वाटिकन प्रवक्ता के विचार
वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 मार्च, 2013 (सेदोक, वीआर) वाटिकन प्रवक्ता फेदेरिको लोमबारदी
ने अपने साप्ताहिक संपादकीय में लिखा है कि कार्डिनल मंडली नये संत पापा के चुनाव के
लिये पूर्णतः तैयार हो गयी है और मंगलवार 12 मार्च को वे पहली बार संत पापा के लिये अपना
मतदान करेंगे।
उन्होंने बतलाया कि कॉनक्लेव के पूर्व सम्पन्न होने वाली
सभाओं में हुए विचार-विमर्श और विचारों के आदान-प्रदान के बाद कार्डिनल संत पापा के चुनाव
के लिये दायित्वपूर्ण निर्णय ले चुके है और अब चुनाव अपने अंतिम चरण में पहुँच गया है।
उनका
मानना है मंगलवार का पहला मतदान चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि इस मतदान में कार्डिनलों का
अंतिम निर्णय के रूख का पता चलेगा। और यह तब तक जारी रहेगा जब तक उम्मीदवार को दो-तिहाई
बहुमत प्राप्त न हो जाये।
फादर लोमबारदी ने कहा कि एक ईश्वरीय ज़िम्मेदारी को
मानव के कंधे पर डाल दिये जाने की बात ही प्रभावपूर्ण लगती है। इसमें काथलिक कलीसिया
को चलाने की बात सिर्फ़ नहीं है इससे कहीं बढ़कर पूरे विश्व में विभिन्न आध्यात्मिक,
धार्मिक और नैतिक पृष्ठभूमि के लोगों को उनके जीवन का अर्थ खोजने में मदद देने की बात
है। इन लोगों में कई सकारात्मक आशा और कुछ नकारात्मक मनोभाव लिये अपना जीवन जीते हैं।
फादर लोमबारदी ने कहा कि संत पापा की ज़िम्मेदारी है कि वह काथलिक समुदाय का
ऐसा मार्गदर्शन करें कि वे पूरी दुनिया में सुसमाचार का प्रचार करें ओर उन्हें मुक्ति
का संदेश दें।
उन्होंन कहा कि कॉनक्लेव के सही अर्थ को हम तब ही समझेंगे और उसके
अनुसार जी पायेंगे जब हम इसे विश्वास की आँखों से देखने का प्रयास करेंगे। पूर्व में
आयोजित कॉनक्लेव के दो मुख्य पात्रों ने हमें इसके बारे में जानकारी और साक्ष्य दिये
है जो विस्मरणीय हैं।
धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय ने अपनी कविता "रोमन ट्रिपटिक"
माइकेल अंजेलों के अंतिम विचार पर बनाये गये पेंटिंग पर एक चिन्तन लिखा है। उन्होंने
लिखा ईश्वर के सामने सब कोई नंगे हैं, सबकुछ पारदर्शी है। घटनायें, अंतःकरण सब कुछ पारदर्शी
है। और ईश्वर सबकुछ को बेधता हुआ अंदर जाता और इंगित करता है। दूसरी ओर पोप बेनेदिक्त
ने कहा था संत पेत्रुस की विरासत चाभी योग्य व्यक्ति के हाथों सौंप दिया जाना है।
वाटिकन
प्रवक्ता ने आशा व्यक्त की कि कार्डिनलों की विशेष सभा एक योग्य व्यक्ति का चयन करेगी
जिसके हाथों कलीसिया की चाभी सौंपी जायेगी जो कलीसिया का उचित मार्गदर्शन कर सके।