वाटिकन सिटी, वृहस्पतिवार,7 मार्च, 2013(न्यूज़.वीए) वाटिकन सिटी में कार्डिनलों की आम
सभा में भाग ले रहे धर्माध्यक्षों की महासभा के प्रीफेक्ट, कनाडा के कार्डिनल मार्क क्वेलेत
ने कहा, "कॉनक्लेव कलीसिया के भविष्य के लिये एक नया द्वार है।"
कार्डिनल मार्क
ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने 4 मार्च, सोमवार को कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन
(सीबीसी) को एक साक्षात्कार दिया।
उन्होंने कहा, "वाटिकन में एकत्रित कार्डिनल
सेवानिवृत्त संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के सेवामुक्त होने के अप्रत्याशित निर्णय और
उससे कलीसिया पर पड़नेवाले प्रभावों के बारे में चिन्तन कर रहे हैं।"
अगले संत
पापा की संभावना के बारे सीबीसी द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "वे
जीवन के प्रत्येक पल को ईश्वर और उनके दिव्य शब्दों के अनुसार जीते, प्रत्येक दिन के
दायित्वों को निभाते, और आनेवाले दिनों को ईश्वर के हाथों में समर्पित कर देते हैं। "
उन्होंने
कहा, "प्रत्येक कार्डिनल को चाहिये कि वह कलीसिया की अगवाई के लिये तैयार रहे। प्रत्येक
को चाहिये कि वह कुछ हद तक तैयार रहे पर और जहाँ तक मेरा व्यक्तिगत विचार है मैं नदी
के उस पार तब जाऊँगा जब पुल तैयार होगा। अभी कॉनक्लेव वहाँ तक नहीं पहुँचा है।"
उन्होंने
यह भी कहा, "परंपरा से संत पापा का चयन यूरोपीय देशों से होता रहा है पर ज़रूरतों को
देखने से अगर संत पापा एशिया, अफ्रीका या अमेरिका से भी आ जाये तो यह कोई आश्चर्य की
बात नहीं होगी।"
साक्षात्कार के दौरान कार्डिनल ने उस चर्चित उक्ति को दुहराया
जिसमें कहा जाता है "जो संत पापा बन के जाते हैं वे कार्डिनल बनके लौटते हैं।"
कार्डिनल
क्वेलेत ने पुरोहितों द्वारा यौन दुराचार से चर्च की क्षति के बारे में अपने विचार व्यक्त
करते हुए कहा कि यह न केवल ‘काथलिक समस्या’है पर यह ‘मानवीय समस्या’ है और उनकी आशा है
कि काथलिक कलीसिया द्वारा उठाये गये कदमों से कलीसिया और मानव समाज दोनों का हित होगा।