वाटिकन सिटी, 11 फरवरी, 2013 (सेदोक, वीआर) काथलिक ईसाइयों के महाधर्मगुरु 85 वर्षीय
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने सोमवार 11 बजे वाटिकन में आयोजित एक विशेष पोप परिषद्
में घोषणा की कि वे 28 फरवरी, 8 बजे प्रातः पोप पद से इस्तीफ़ा दे देंगे।
संत
पापा ने कहा, "प्रिय भाइयो मैंने इस विशेष कन्सिस्टरी (पोप परिषद्) को न सिर्फ तीन संतों
के नामों की घोषणा के लिये नहीं बुलायी है पर इसलिये भी कि मैं इस कलीसियाई जीवन के लिये
एक महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा करुँ।"
ईश्वर के सम्मुख बारंबार अपने अंतःकरण
का निरीक्षण करने के बाद मैं निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि अपनी ज़्यादा आयु के कारण मैं
संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी की ज़िम्मेदारी पूरी करने में सक्षम नहीं हूँ। मैं इस बात
को अच्छी तरह से समझता हूँ कि मेरा जो दायित्व है वह स्वभाव से आध्यात्मिक है जिसे सिर्फ
शब्दों और कार्यों से नहीं पर प्रार्थना और बलिदान के साथ पूरा किया जाना चाहिये। उन्होंने
आगे कहा," आज की दुनिया में चीज़ें तेज़ी से बदल रही हैं और ईश्वरीय आस्था भी प्रश्नों
के घेरे में है। ऐसे में संत पेत्रुस के आदेश और ईसाई धर्मसिद्धांतों के अनुपालन के लिए
मस्तिष्क और शरीर की शक्ति का साथ देना ज़रूरी है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में मेरे भीतर
ये शक्ति कम हुई है। इसलिए अब मुझे ये बात स्वीकार करनी पड़ रही है कि मैं चर्च द्वारा
सौंपी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने में असमर्थ महसूस कर रहा हूँ।" उन्होंने कहा,
"इसी कारण से इस निर्णय की गंभीरता को समझते हुए अपनी पूरी स्वतंत्रता से 19अप्रैल 2005
को कार्डिनलों द्वारा सौंपे गये रोम के धर्माध्यक्ष और संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी होने
का दायित्व से इस्तीफ़ा देने की घोषणा करता हूँ; इसके फलस्वरूप 28 फरवरी, 2013 को 8 बजे
(20.00) शाम से रोम का परमधर्मपीठ और संत पेत्रुस का परमधर्मपीठ का पद रिक्त हो जायेगा
और इसलिये जिन पर पोप को चुनने की ज़िम्मेदारी है वे कार्डिनलों की विशेष सभा (कोनक्लेव)
बुलायें।" संत पापा ने कहा, "मेरे दायित्व को निभाने में आपके प्रेम और सहयोग के
लिये मैं आप लोगों के प्रति कृतज्ञ हूँ और गलतियों के लिये क्षमाप्रार्थी। और अब आइये
हम पूरी कलीसिया को सबसे महान् चरवाहे प्रभु येसु मसीह के हाथों सौंप दें और धन्य कुँवारी
मरियम से सहायता की याचना करें ताकि वे कार्डिनलों पर अपनी ममता दिखायें ताकि वे एक नये
सर्वोच्च अधिकारी का चयन हो सके। मैं अपने प्रार्थनामय जीवन द्वारा सदा ईश्वर की पवित्र
कलीसिया की सेवा करता रहूँगा।" विदित हो इसके पहले सन् 1415 ईस्वी ग्रेगोरी 12 ने
संत पापा के पद से इस्तीफ़ा दिया था।