चेन्नई, 11 फरवरी, 2013 (कैथन्यूज़) लोगों के बीच सुसमाचार प्रचार के लिये बनी सभा के
वाटिकन अधिकारी(प्रीफेक्ट) और भारत भेजे गये संत पापा के विशेष राजदूत सोमवार 11 फरवरी
को चेन्नई के सानथोम बसिलका में लोकधर्मियों के लिये एक सेमिनार का उद्घाटन किया।
सेमिनार
का लक्ष्य है लोकधर्मियों को इस बात के लिये मदद देना कि वे अपने ख्रीस्तीय विश्वास को
पहचानें, उसे मजबूत करें और दूसरों को प्रेरित करें ताकि वे दुनिया की ज्योति और नमक
बनें।
इसके पूर्व वाटिकन के विशेष राजदूत कार्डिनल फिलोनी ने यूखरिस्तीय बलिदान
में प्रवचन देते हुए कहा,"लोकधर्मियों को ईश्वर ने इसलिये बुलाया है ताकि वे सुसमाचार
से प्रेरित होकर एक ख़मीर के रूप में अपने दायित्वों का बखूबी पालन करते हुए दुनिया के
दोषमुक्त करने में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकें।"
कार्डिनल फिलोनी कहा कि उन्हें
इस बात की प्रसन्नता है कि भारत की कलीसिया ने विश्वास वर्ष के अवसर पर लोकधर्मियों के
प्रशिक्षण के लिये एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया है।
उन्होंने इस बात पर
भी ग़ौर किया है कि भारतीय लोकधर्मियों ने लगातार प्रगति की है। लोकधर्मियों के लिये
सेमिनार के आयोजन से निश्चय ही भारतीय कलीसिया में उनकी भूमिका को महत्व दिया जायेगा।
उन्होंने कहा, "ईश्वर आप और मेरे समान आम लोगों को अपना संदेशवाहक बनाता है और
हमारे जीवन की आम परिस्थितियों और कार्यों के द्वारा कई लोगों ईश्वर के राज्य में बुलाता
है।"
कार्डिनल फिलोनी ने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे सुसमाचार की खुशी
का साक्ष्य दें, अपने पड़ोसियों, सहयोगियों और परिजनों के लिये प्रार्थना करें ताकि वे
येसु और उसके प्यार को जानें।