2013-02-08 12:33:12

वाटिकन सिटीः शिक्षा एवं श्रम से जुड़े संकट पर सन्त पापा ने जताई चिन्ता


वाटिकन सिटी, 08 फरवरी सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा है कि रोज़गार एवं शिक्षा सम्बन्धी युवाओं की आवश्यकताओं का प्रत्युत्तर प्रभावात्मक ढंग से दिया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यदि मानवजाति भविष्य को आशावान एवं उदार बनाना चाहती है तो उसे युवाओं की समस्याओं पर गम्भीरतापूर्वक विचार करना होगा।
गुरुवार 07 फरवरी को, संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के सदस्यों एवं परामर्शकों ने, वाटिकन में, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। 06 फरवरी से 09 तक उक्त समिति की पूर्णकालिक सभा जारी है। सभा का विषय हैः "उभरती युवा संस्कृतियाँ"।
समिति के विशेषज्ञों एवं सदस्यों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि 25 वर्ष से कमउम्र के अधिकांश युवा विकासशील देशों में जीवन यापन करते हैं। उन्होंने कहा कि ये युवा "वैश्वीकृत उपभोक्तावादी विश्व तथा पश्चिमी जगत की जनता के एक छोटे से भाग को मिलनेवाले विशेष अधिकारों के समक्ष एक महान चुनौती का प्रतिनिधित्व करते हैं।"
सन्त पापा ने कहा कि आज के युवा सहायता की पुकार लगा रहे हैं जिसकी अवहेलना न तो नागर समाज द्वारा और न ही कलीसिया द्वारा ही की जा सकती है।
सन्त पापा ने शिक्षा एवं श्रम बाज़ार में व्याप्त संकट पर गहन चिन्ता व्यक्त की और कहा कि ये आपात समस्याएँ मानव व्यक्ति एवं उसके मूलभूत सम्बन्धों के विभिन्न आयामों का स्पर्श करती हैं। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा एवं रोज़गार सम्बन्धी समस्याओं का उचित समाधान नहीं ढूँढ़ा जायेगा तो मानवजाति न केवल आर्थिक एवं सामाजिक निर्धनता का अनुभव करेगी अपितु वह मानवीय एवं आध्यात्मिक रूप से भी कमज़ोर, अशक्त एवं कंगाल बन जायेगी।








All the contents on this site are copyrighted ©.