वाटिकन सिटीः लातेरान सन्धि की 84 वीं वर्षगाँठ पर वाटिकन में संगीत समारोह
वाटिकन सिटी, 05 फरवरी सन् 2013 (सेदोक): लातेरान सन्धि की 84 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य
में सोमवार को वाटिकन के सन्त पापा पौल षष्टम भवन में एक विशिष्ट संगीत समारोह सम्पन्न
हुआ। वाटिकन के लिये इटली के राजदूतावास के तत्वाधान में इस समारोह का आयोजन किया
गया था जिसमें मुख्य अतिथि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें तथा इटली के राष्ट्रपति जोर्जो
नापोलीतानो रहे। इताली राजदूतावास द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि लातेरान
सन्धि की 84 वीं वर्षगाँठ के साथ साथ इटली के राष्ट्रपति जोर्जो नापोलीतानो के सात वर्षीय
कार्यकाल के समापन के उपलक्ष्य में संगीत समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह में ज़ुबीन
मेहता के नेतृत्व में माज्ज्यो मूज़ीकाले फियोरेनतीनो ऑरखेस्ट्रा, विख्यात संगीतज्ञ बेथोवन
की थर्ड सिम्फनी तथा जुसेप्पे वेर्दी की कृति ला फोर्सा देल देस्तीनो का शानदर प्रदर्शन
किया। संगीत समारोह के समापन पर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने उक्त संगीत कृतियों
में निहित धार्मिक विषयों पर चिन्तन किया। उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि वेर्दी की
कृति में "मानव अस्तित्व का वर्णन है जो दुखद नियति तथा ईश्वर की खोज एवं ईश्वरीय करुणा
की चाह के बीच संघर्ष करता हुआ ईश्वर में ही जीवन के अर्थ को पाता है।" सन्त पापा
ने कहा कि यही ख्रीस्तीय जीवन की शक्ति है जिसका स्रोत प्रभु येसु ख्रीस्त का दुखभोग
एवं उनका पुनरुत्थान है। बेथोवेन की रचना पर टीका करते हुए सन्त पापा ने कहा कि स्वतंत्रता
एवं समानता की यह एक उत्कृष्ट कृति है जिसमें जीवन और मृत्यु तथा पराजय और विजय के बीच
संघर्ष को संगीतमय अभिव्यक्ति दी गई है। सन्त पापा ने कहा कि बेथोवन की यह रचना मृत्यु
के बाद अनन्त पर हमें चिन्तन का सुअवसर प्रदान करती है। ग़ौरतलब है कि इटली तथा वाटिकन
के बीच 11 फरवरी, सन् 1929 को लातेरान सन्धि सम्पन्न हुई थी जिसमें वाटिकन राज्य के
भूक्षेत्रों एवं सार्वभौमिक कलीसिया के विशिष्ट अधिकारों को परिभाषित किया गया था।