2013-02-04 19:46:21

धार्मिक उत्पीड़न के बावजूद सुसमाचार प्रचार का संकल्प


भुवनेश्वर, 4 फरवरी, 2013 (एशियान्यूज़) ओडिशा के महाधर्मध्यक्षों ने धर्मप्रांत के विश्वासियों को लिखे मेषपालीय पत्र में पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मियों को इस बात के लिये प्रोत्साहन दिया है कि वे धर्मशिक्षा, संतों की जीवनी और कलीसियाई दस्तावेज़ो को ओड़िया भाषा में अनुवाद करें और सुसमाचार का प्रचार करें।

मेषपालीय पत्र में कहा गया है कि काथलिकों की सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं- धर्मसतावट, धार्मिक उदासीनता, सांस्कृतिक विभिन्नतायें और गरीबी।

धर्माध्यक्षों ने इस बात पर बल दिया है कि वे धर्मप्रांत के स्कूलों, अस्पतालों और समाज कल्याण केन्द्रों में धर्मशिक्षा सेमिनार और सभाओं का आयोजन हो ताकि लोगों के विश्वास को मजबूत किया जा सके।

मेषपालीय पत्र में जिन धर्माध्यक्षों ने अपने हस्ताक्षर किये हैं उनमें कटक-भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष और राऊरकेला धर्मप्रांत के प्रेरितिक प्रशासक जोन बरवा के अलावा संबलपुर के धर्माध्यक्ष लुकस केरकेट्टा, बरहमपुर के धर्माध्यक्ष सरत चन्द्र नायक और बालासोर के धर्माध्यक्ष और क्षेत्रीय धर्माध्यक्षीय कौंसिल के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष थोमस थिरुथोलिल प्रमुख हैं।

पत्र में सब धर्माध्यक्षों ने इस बात पर बल दिया है कि वे येसु के क्रूस पर अपनी निगाह रखते हुए, माता मरिया विश्वास की आदर्श और शिष्यों के उदाहरण पर चलते हुए सुसमाचार के प्रचार करेंगे।











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