वाटिकन सिटी, 28 जनवरी, 2013 (वीआर, अंग्रेजी) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने विश्व कुष्ट
रोग दिवस के पर लोगों से अपील की है कि वे संत दामियन और संत मरियन्ना कोपे की मध्यस्थता
द्वारा उन लोगों के लिये प्रार्थना करें जो कोढ़ या हैनसेन्स बीमारी से पीड़ित हैं।
संत
पापा ने उक्त अपील उस समय की जब उन्होंने रविवार 27 जनवरी को देवदूत प्रार्थना करने से
पूर्व संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में तीर्थयात्रियों को संबोधित किया।
विदित
हो कि प्रत्येक साल जनवरी महीने के अंतिम रविवार को विश्व कुष्ट रोग दिवस मनाया जाता
है। इस वर्ष विश्व कुष्ट रोग दिवस की 60वीँ वर्षगाँठ थी।
संत पापा ने कहा, "आज
हम 60वाँ विश्व कुष्ट रोग दिवस मना रहे हैं। मैं उनके साथ अपनी सहानुभूति और सामीप्य
व्यक्त करता हूँ जो इस रोग से ग्रस्त है। मैं उन लोगों को प्रोत्साहन देता हूँ जो इस
बीमारी पर रिसर्च कर रहे हैं जो इसके विशेषज्ञ हैं तथा उन ख्रीस्तीय संस्थाओं जैसे एसोसिएशन
ऑफ़ फ्रेन्डस ऑफ रावोल फोलेरेव जो कुष्ट रोगियों की सेवा में समर्पित है।"
संत
पापा ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के लिये बनी परमधर्मपीठीय परिषद् के अध्यक्ष जिंगमुड जिमोवोस्की
ने इस बीमारी को हैनसेन्स बीमारी कहा है जो एक ‘प्राचीन बीमारी’ है जिसके साथ सामाजिक
बहिष्कार और ग़रीबी जुड़ी हुई है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे कोढ़ग्रस्तों
और उनके परिवार के सदस्यों को समाज में पूर्ण स्थान देने का प्रयास करें।
संत
पापा ने याद दिलाया कि विश्वास वर्ष हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम भला समारितन बनें,
सेवा के लिये आगे आयें और बीमारों, बच्चों तथा उपेक्षितों मदद करें।
महाधर्माध्यक्ष
जिमोवोस्की ने संत दामियन और मरियन्ना की याद करते हुए कहा उन दोनों संतों की तरह कि
आज ज़रूरत है कि जो इस बीमारी से मुक्ति प्राप्त लोग भी इसकी रोकथाम और इससे ग्रस्त लोगों
को समाज में पुनःस्थान दिलाने के लिये कार्य करें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा
2011 में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 2 लाख 20 हज़ार नये लोग इस बीमारी के
शिकार होकर इससे अपंग हुए। महाधर्माध्यक्ष का मानना कि बीमारी संबंधी चेतना जागरण कार्यक्रम,
समय पर उठाया गया कारगर कदम, प्रशिक्षण और इसकी रोकथाम के लिये कदम उठाने से ही इस बीमारी
से पूर्ण मुक्ति प्राप्त हो सकती है।