47वें विश्व संप्रेषण दिवस के लिये संत पापा का संदेश
वाटिकन सिटी, 24 जनवरी, 2014 (सेदोक) संत पापा ने 24 जनवरी वृहस्पतिवार को संचार या सम्प्रेषण
के संरक्षक संत फ्रांसिस डे सेल्स के पर्व दिवस पर 47वें विश्व सम्प्रेषण दिवस के लिये
डिजीटल सामाजिक नेटवर्क के विकास विषय को केन्द्रित करते हुए अपने संदेश दिये।
संत
पापा ने कहा कि नये डिजीटल सामाजिक नेटवर्क ने लोगों को एक ऐसा सार्वजनिक मंच प्रदान
किया है जिसमें लोग अपने विचारों,सूचनाओं और मतों का आदान-प्रदान करते हैं जिससे वार्ता,
एकता और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा।
संत पापा ने कहा कि विचारों का आदान-प्रदान
तब ही सच्चा सम्प्रेषण कहा जायेगा जब ये मित्रता और एकता को बढ़ावा दे। इसके लिये ज़रूरी
है कि व्यक्ति सामाजिक नेटवर्क में विवेक का सामजस्यपूर्ण प्रयोग करे, गोपनीयता का सम्मान
करे और ईमानदारी तथा दायित्वपूर्ण व्यवहार करे।
संत पापा ने कहा कि सामाजिक नेटवर्क
का विकास लोगों को मित्र बनने और रिश्ते मजबूत करने का आमंत्रण है। यह एक ऐसा अवसर प्रदान
करता है जब लोग न सिर्फ़ दूसरी संस्कृतियों के अस्तित्व को स्वीकार करें पर वे इनसे समृद्ध
बनें और दूसरों को भी अच्छी, भली और सच्ची बातों को बतायें।
संत पापा ने कहा कि
सामाजिक नेटवर्क का विकास विश्वासियों के लिये एक चुनौती है अर्थात् सुसमाचार का प्रचार
डिज़ीटल दुनिया में करना। आज ज़रूरी है कि सुसमाचार की अच्छाई को सामाजिक नेटवर्क के
तहत् लोगों के मन-दिलों तक पहुँचाया जाये। संत पापा ने कहा कि प्रभावपूर्ण आदान-प्रदान
के लिये चित्र और आवाज़ का उपयोग मन और दिल को प्रभावित करे ठीक जैसा कि येसु ने दृष्टांतों
के द्वारा किया था। ख्रीस्तीय परंपरा अर्थपूर्ण चिह्नों और प्रतीकों से परिपूर्ण रही
है।
सामाजिक नेटवर्क के द्वारा ख्रीस्तीय ईश्वर के पुत्र येसु-मसीह पर अपने
विश्वास आनन्द और आशा को प्रकट करते हैं। यह उनके विश्वास की अभिव्यक्ति केवल नहीं उनके
जीवन के चुनावों, प्राथमिकताओं और निर्णयों का साक्ष्य भी है।
उन्होंने कहा कि
हमें ईश्वर पर पूर्ण भरोसा रखना चाहिये क्योंकि हमारे कार्यों में सुसमाचार प्रचार का
ईश्वरीय सहायता से बड़ा और साधन नहीं हो सकता। डिजीटल नेटवर्क में तोड़ने वाली बातें
या बहसों के हम आसानी से शिकार हो सकते हैं इसलिये हमें चाहिये कि हम सावधानीपूर्वक निर्णय
करें।
संत पापा ने कहा कि डिजीटल सामाजिक नेटवर्क सुसमाचार प्रचार का महत्वपूर्ण
साधन है। यह हमे प्रार्थना करने, चिन्तन करने और ईशवचन को दूसरों को सुनाने का अवसर प्रदान
करता है।
संत पापा ने ख्रीस्तीयों को आमंत्रित किया है कि जहाँ कहीं भी हम उपस्थित
हो डिजीटल दुनिया या आम दुनिया हमें चाहिये कि हम ईश्वर के प्रेम का साक्ष्य दें और ईश्वर
का आत्मा इस कार्य में हमारी मदद करे।