किरकुक, इराक जनवरी,, 2013 (कैथन्यूज़) ईराक के अधिकारियों ने किरकुक में प्रथम क्रिश्चियन
कल्चर सेन्टर का उद्घाघटन किया ताकि अन्तरधार्मिक वार्ता को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
अन्तरधार्मिक
वार्ता को प्रोत्साहन देने के लिये खोले गये इस केन्द्र के बारे में बोलते हुए किरकुक
के कालडियन महाधर्माध्यक्ष लुई साखो ने कहा कि ईराक में सन् 2003 के बाद शांति और वार्ता
को बढ़ावा देने वाला यह पहला केन्द्र है।
महाधर्माध्यक्ष ने जानकारी दी कि यह
कल्चर सेंटर का निर्माण किरकुक में कालिडियन चर्च के निकट ही किया है जिसका निर्माण कार्य
एक वर्ष में पूरा हो गया। इसके निर्माण में 305,000 डॉलर का खर्च आया।
विदित
हो कि किरकुक ईराक के उत्तर में बसा एक शहर है जहाँ अरब, कुर्द और तुर्क एक-साथ निवास
करते हैं। सन् 2003 ईस्वी के पूर्व इस क्षेत्र में 1 मिलियन ईसाई रहा करते थे पर अब उनकी
संख्या 450,000 रह गयी है।
सन् 2003 ईस्वी में ईराक पर अमेरिकी आक्रमण के बाद
ख्रीस्तीयों पर उत्पीड़न बढ़ गया था और उन्हें पलायन करना पड़ा।
यू.एन. सूत्रों
के अनुसार ईराक की राजधानी बगदाद में अक्तूबर 2010 में कोप्टिक चर्च में हुए हमले के
बाद हज़ारों ईसाई इस क्षेत्र को छोड़ चुके हैं।
मानवाधिकार के लिये कार्यरत हम्मुराबी
संगठन के अनुसार अनुसार सन् 2003 से मई 2012 तक ईराक में 900 ईसाइयों की हत्यायें हुई
200 का अपहरण हुआ और कई लोगों को मुक्त कराने के लिये बहुत बड़ी राशि खर्च की गयी।