2013-01-18 12:29:36

केरलः अदालत ने धर्मबहन की हत्या की कार्यवाही को किया स्थगित


केरल, 18 जनवरी सन् 2013 (ऊका समाचार): केरल के हाई कोर्ट ने एक धर्मबहन की हत्या के आरोपी दो काथलिक पुरोहितों एवं एक धर्मबहन के खिलाफ मुकद्दमें की कार्रवाई को स्थगित कर दिया है।
केरल की उच्च अदालत ने यह निर्णय बुधवार को मानवाधिकार कार्यकर्त्ता जोमोन पुथेनपुरेकल द्वारा दी गई याचिका के बाद दिया। पुथेनपुरेकल ने मामले की पुनर्जाँच की मांग की है। उनका आरोप है कि जाँच के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो, सीबीआई, ने कई महत्वपूर्ण पक्षों को नज़रअन्दाज़ कर दिया है। उनका यह भी आरोप है कि फोरेनसिक रिपोर्ट पर भी सरकारी अधिकारियों द्वारा छेड़छाड़ की गई है।
27 मार्च सन् 1992 को केरल के कोट्टायम स्थित एक कॉन्वेन्ट के कुएँ में 19 वर्षीया सि. अभया का मृत शव पाया गया था। पुलिस ने पहले इसे आत्महत्या घोषित कर दिया था किन्तु कॉन्वेन्ट के वरिष्ठ अधिकारियों के निवेदन पर मामला सीबीआई के सिपुर्द किया गया था।
सि. अभया की हत्या के 16 वर्ष बाद सीबीआई ने हत्या के आरोप में, नवम्बर सन् 2008 में, काथलिक पुरोहित फादर थॉमस कोट्टूर, फादर जोस पुथरुकाईल तथा सि. सेफी को गिरफ्तार किया था।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि सि. सेफी ने, कॉन्वेन्ट के रसोईघर में, कुल्हाड़ी से वार कर सि. अभया की हत्या कर दी थी क्योंकि सि. अभया ने उन्हें उक्त दो पुरोहितों के साथ आपत्ति जनक स्थिति में देख लिया था। हत्या के बाद दोनों पुरोहितों ने शव को हटाने में सि. सेफी की मदद की थी।
पुथेनपुरेकल ने ऊकान्यूज़ से कहा कि सीबीआई ने इस बात की जाँच नहीं की है कि क्या हत्या से पूर्व सि. अभया का शील हरण किया गया था। इसके अतिरिक्त, इस बात का भी पता नहीं लगाया गया है कि तिरुवनंतपुरम की सरकारी प्रयोगशाला में मेडिकल रिपोर्ट की छेड़छाड़ का ज़िम्मेदार कौन था।








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