वाटिकन सिटी, 17 जनवरी, 2013(वीआर, अंग्रेज़ी) यूरोप की सर्वोच्च न्यायालय ने ब्रिटिश
एयरवेस में एक ख्रीस्तीय परिचारिका के साथ धार्मिक भेदभाव किये जाने के आरोप को स्वीकारा
है।
ज्ञात हो कि एवेइदा को नवम्बर 2006 में उस समय नौकरी से हटा दिया गया था
जब उन्होंने ड्यूटी के समय खुले रूप से धार्मिक चिह्नों के नहीं पहनने के नियम का पालन
नहीं किया।
ब्रिटिश एयरवेयस की चेक-इन कार्यकर्ता नादिया एवेइदा ने ड्यूटी के
समय गले में ईसाई प्रतीक चिह्न क्रूसयुक्त गले के हार पहन रखी थी। नादिया एवेइदा ने अपने
साथ धार्मिक रूप से भेदभाव बरते जाने का आरोप लगाते हुए मुआवज़े की माँग की थी।
स्ट्रासबर्ग,
फ्रांस स्थित यूरोप के सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाया है कि एयरलाइन की नीति "धर्म प्रकट
करने के लिए अधिकार के साथ एक हस्तक्षेप थी"
दूसरी ओर एक नर्स शिरली चैललिन के
मामले में यूरोप की सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि परिचारिका को क्रूसयुक्त गले के हार
को उतरवाये जाने के पीछे का कारण था - स्वास्थ्य और सुरक्षा न कि धार्मिक भेदभाव और इसलिये
इसे अति नहीं कहा जा सकता। न्यायालय का निर्णय सुनाते हुए कहा कि मालिकों को चाहिये
कि वे कर्मचारियों के धार्मिक विश्वास और उनके प्रकट करने के अधिकार और अन्य अधिकारों
के बीच एक सामजस्य रखें ताकि कोई भेदभाव का शिकार न हो। यूरोपीय सर्वोच्च न्यायालय
का यह निर्णय कौंसिल ऑफ़ यूरोप के 47 देशों पर लागू होता है।