2013-01-15 12:27:15

काहिराः मिस्र, ख्रीस्तीय धर्म में लौटने के लिये माँ और सात बच्चों को 15 साल की जेल


काहिरा, 15 जनवरी सन् 2013 (एशियान्यूज़): मिस्र की राजधानी काहिरा से लगभग 115 किलो मीटर की दूरी पर स्थित बेनी सुएफ की अपराधिक अदालत ने आठ सदस्योंवाले एक परिवार को ख्रीस्तीय धर्म में पुनः लौटने के लिये 15 साल की जेल की सज़ा सुनाई है।
नादिया मुहम्म्द अली तथा उसके सात बच्चों को उक्त सज़ा सुनाई गई।
ख्रीस्तीय धर्म में जन्मी नादिया का एक मुसलमान व्यक्ति से विवाह हुआ था जिसके बाद उसने इस्लाम धर्म अपना लिया था। उसकी सात सन्तानें भी मुसलमान थीं किन्तु सन् 1991 में नादिया के पति की मृत्यु के बाद उसने अपने बच्चों सहित मूल धर्म यानि ख्रीस्तीय धर्म में लौटने का निर्णय लिया। इसके लिये कुछेक अधिकारियों की मदद से उसने अपने तथा बच्चों के दस्तावेज़ों में भी मुसलमान नामों की जगह ख्रीस्तीय नाम दर्ज़ करा दिये थे।
सन् 2006 में नादिया का एक बेटा सूचना केन्द्र में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद हुई जाँचपड़ताल में पुलिस को नादिया तथा उसके परिवार के पुनः ख्रीस्तीय धर्म में लौटने का पता चला था। नादिया तथा उसके सात बच्चों के अतिरिक्त उन अधिकारियों को भी सज़ा दी गई है जिन्होंने दस्तावेज़ों पर नाम बदलने हेतु नादिया की मदद की थी।
ग़ौरतलब है कि मिस्र के पहचान पत्रों पर व्यक्ति का धर्म लिखा होता है। मिस्र में इस्लाम धर्म का परित्याग कर किसी दूसरे धर्म को अपनाना नागरिकों के लिये वर्जित है। इसके विपरीत किसी अन्य धर्म का परित्याग कर इस्लाम धर्म अपनाने वालों का स्वागत किया जाता है।








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