नई दिल्ली, 11 जनवरी सन् 2013 (ऊका समाचार): नई दिल्ली में 23 वर्षीया छात्रा के बलात्कार
एवं मृत्यु की पृष्ठभूमि में विश्वव्यापी मानवाधिकार संगठन क्रिस्टीयन सॉलीडेरिटी वल्डवाईड,
सीएसडब्ल्यू, ने भारत से आग्रह किया है कि वह यौन हिंसा की समस्या को सम्बोधित करे। सीएसडब्ल्यू
ने कहा कि अल्पसंख्यकों के विरुद्ध साम्प्रदायिक हिंसा के सन्दर्भ में यौन हिंसा एक "स्थानिक
मारी" बन गई है। सीएसडब्ल्यू के दक्षिण एशिया टीम के नेता डेविड ग्रिफिथ ने कहा,
"देहली की बलात्कार त्रासदी के प्रत्युत्तर में भारत के अनेक मानवाधिकार कार्यकर्त्ता
तथा साधारण नागरिक सरकार से स्वस्थ नीतियों के बनाये जाने की अपेक्षा कर रहे हैं।" उन्होंने
कहा कि क्रिस्टियन सॉलीडेरिटी वल्डवाईड संगठन बहुत अधिक समय से सरकार से आग्रह करता रहा
है कि वह यौन हिंसा सहित साम्प्रदायिक एवं लक्ष्यांकित हिंसा को रोकने के लिये उपयुक्त
विधान का प्रस्ताव करे। उन्होंने कहा, "विगत कई वर्षों से बलात्कार का उपयोग प्रायः
आतंक फैलाने के लिये किया जाता रहा है। कई समुदायों को लक्ष्य कर हिंसा ढाई जाती है तथा
भयवश ये मामले प्रकाश में नहीं आते और पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता है।" ग्रिफिथ
ने कहा, "हम पीड़ितों के प्रति गहन संवेदना एवं एकात्मता व्यक्त करते तथा ऐसे समय में
जब बलात्कार एवं यौन हिंसा राष्ट्रीय मुद्दे बने हैं, सरकार से आग्रह करते हैं कि वह
हिंसा के शिकार पीड़ितों के पक्ष में शीघ्रातिशीघ्र कदम उठाये।" श्री ग्रिफिथ ने कान्धामाल
में सामूहिक बलात्कार की शिकार बनी काथलिक धर्मबहन के मामले की ओर ध्यान आकर्षित कराया
तथा कहा कि हादसे को चार वर्ष बीत गये हैं किन्तु धर्मबहन को अभी भी न्याय नहीं मिल पाया
है।