नई दिल्ली, 10 जनवरी, 2013 (कैथन्यूज़) कारितास इंडिया ने सरकार से माँग करते हुए कहा
है कि हालाँकि भारत लिंग संवेदनशील राष्ट्र रहा है पर बलात्कार के लिये किसी को मौत
की सजा देने को स्वीकार नहीं कर सकता है। अपनी 11 सूत्री माँगो को शनिवार 5 जनवरी
को वर्मा समिति को देते हुए कहा कि स्कूलों में लिंग संवेदनशीलता संबंध क्लास दिये जायें
ताकि विद्यार्थी इसके प्रति संवेदनशील हो सकेँ। विदित हो कि दिल्ली में 23 वर्षीय
मेडिकल छात्रा के साथ हुए रेप के बाद हुए जनआंदोलन को देखते हुए इस समिति का गठन किया
गया है। कारितास इंडिया ने अन्य सिफारिशों के साथ इस बात का भी ज़िक्र है कि वह मृत्यु
दंड का समर्थन नहीं करती है। ईश्वर ही जीवन के मालिक हैं मानव नहीं। कारितास ने इस
बात की चिन्ता भी जतायी की सरकार महिलाओं और बच्चियों की रक्षा करने में असफल रही है।
वर्मा समिति को जो अन्य सिफ़ारिशें दी गयी है उनमें स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट की
स्थापना, जिसमें महिला वकीलों की व्यवस्था, जिलों के लिये नारी कल्याण समिति, ‘अंटी सेक्सुल
हैरासमेंट टास्क’, पंचायतों में 60 प्रतिशत महिलाओं की सहभागिता आदि शामिल हैं। कारितास
ने इस बात की भी माँग की है कि रेप केसों के निपटारे के लिये उच्च रैंक के पुलिस अधिकारियों
की नियुक्ति हो टैक्स फ्री टेलेफोन सहायता और सार्वजनिक स्थलों में सीसीटीवी और घोषणा
की सुविधा उपलब्ध हो। समाचार के अनुसार वर्मा कमिटि की रिपोर्ट पर 1 महीने में जवाब
आ जायेंगे ताकि बलात्कार और नारियों से संबंधित अपराधों से जुड़े कानून में संशोधन किये
जा सकेंगे।