रोमः विश्व में धार्मिक स्वतंत्रता पर विचार विमर्श हेतु "टेड" सम्मेलन वाटिकन में
रोम, बुधवार, 09 जनवरी सन् 2013(ज़ेनित): विज्ञान, सम्प्रेषण माध्यम तथा मनोरंजन के क्षेत्र
में विचारों के आदान प्रदान के लिये आरम्भ "टेड" सम्मेलन इस वर्ष वाटिकन में सम्पन्न
होगा। "टेड" सम्मेलन विचारों के आदान प्रदान के लिये वार्षिक रूप से विश्वव्यापी
स्तर पर आयोजित किया जाता रहा है किन्तु अब यह विश्व की सर्वाधिक विख्यात वेबसाईटों में
से एक बन गया है। 19 अप्रैल को संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष
कार्डिनल जान फ्राँकों रवासी "टेड वियादेल्लाकॉनचिलियासियोने" शीर्षक से इस सम्मेलन का
उदघाटन करेंगे। यह विश्वव्यापी सम्मेलन वर्तमान विश्व में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति
पर विशद विचार विमर्श करेगा। सम्मेलन की आयोजक जोवान्ना आबियाती ने ज़ेनित समाचार
को बताया कि "टेड" एक वार्षिक सम्मेलन है जिसमें विश्व के बुद्धिजीवी प्रसार योग्य विचारों
का आदान प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि काथलिक कलीसिया में टेड सम्मेलन इसलिये महत्वपूर्ण
है कि कलीसिया की प्रकृति सार्वभौमिक है तथा कलीसिया का मिशन साक्ष्य देना रहा है। धार्मिक
स्वतंत्रता का विषय क्यों चुना गया इसके उत्तर में उन्होंने कहा कि यदि हम शांति की बात
करना चाहते हैं तो इसके लिये धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी एक शर्त है। उन्होंने इस बात
की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि विश्व के कम से कम 23 देशों में सरकारों द्वारा धर्म पालन
एवं धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबन्ध लगे हैं। उन्होंने कहा, "धर्म को लेकर कई देशों
में वैमन्स्यता बढ़ती जा रही है इसलिये इस तथ्य पर विचार किया जाना आवश्यक है कि हम धर्म
से डरते क्यों हैं? हमें केवल धर्मान्धता से डरना चाहिये क्योंकि धर्मान्धता एवं चरमपंथ
धर्म की विकृति है। हिंसा धर्म नहीं है, धर्म के नाम पर हिंसा धर्म नहीं है।"