सिरियाः युद्ध के कारण सिरियाई ख्रीस्तीय कर रहे हैं पलायन
सिरिया, 04 जनवरी सन् 2013(सेदोक): संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार सिरिया में विगत वर्ष
उत्पन्न जनक्रान्ति तथा गृहयुद्ध में अब तक लगभग 60,000 व्यक्ति मारे जा चुके हैं। संयुक्त
राष्ट्र संघीय शरणार्थी समिति की उच्चायुक्त नवी पिल्लै ने बुधवार को कहा था सिरिया की
सरकार तथा विपक्षी दल दोनों ही मानवाधिकारों के अतिक्रमण के लिये ज़िम्मेदार हैं। वाटिकन
रेडियो से बातचीत में सिरियाई पत्रकार नासिर हाबीश ने कहा, "सिरिया के युद्ध से सबसे
अधिक प्रभावित वहाँ के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी हैं जिनमें से अधिकांश देश का पलायन करने
के लिये बाध्य हुए हैं।" पत्रकार हाबीश ने कहा, "सिरिया की स्थिति इस समय बहुत ही
जटिल है, और मेरा विचार है कि भविष्य में यह और अधिक गम्भीर हो उठेगी क्योंकि युद्ध रुकने
के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।" उन्होंने इस बात की आशंका व्यक्त की हिंसा के कारण
ख्रीस्तीय जनता अरब विश्व से विलुप्त हो जायेगी। उन्होंने कहा, "जिन लोगों को सबसे अधिक
हानि पहुँची है वे ख्रीस्तीय लोग हैं, और इसलिये वे अरब जगत को छोड़कर जा रहे हैं, वे
लेबनान में शरण ले रहे हैं या फिर यूरोप के किसी देश में शरण हेतु जा रहे हैं। हम अरब
जगत से ख्रीस्तीय धर्म को गँवाना नहीं चाहते।" उन्होंने आशा व्यक्त की कि कठिनाईयों
एवं चुनौतियों के बावजूद ख्रीस्तीय लोग पवित्र भूमि, सिरिया और मिस्र से पलायन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, "यह प्रभु येसु की जन्मभूमि है। येसु की जन्मभूमि में ख्रीस्तीयों का अस्तित्व
न हो इस बात की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता।"