तेहरान, ईरान, 3 जनवरी, 2013 (सीएनए) ईरान के एक ख्रीस्तीय पास्टर याउसेफ नदारखानी को
ख्रीस्तमस के दिन फिर गिरफ़्तार कर लिया है जो सरकार के वादा के ख़िलाफ है। विदित
हो कि ईरान के एक पास्टर योसेफ को ईरान सरकार ने सन् 2009 में उस समय गिरफ्तार कर तीन
वर्षों तक कारावास की सजा दी थी, जब उसने स्वधर्मत्याग कर लिया था। 35 वर्षीय पास्टर
योसेफ का गुनाह था इस्लाम धर्म का त्याग और ईसाई धर्म का आलिंगन। उसे आज्ञा दी गयी थी
कि वह अपने पुरखों के धर्म में वापस आ जाये या तो सजा भोगे। पास्टर ने ख्रीस्तीय धर्म
त्यागना अस्वीकार कर दिया था। पास्टर याउसेफ के पुनः गिरफ़्तार किये जाने पर प्रतिक्रिया
व्यक्त करते हुए ‘अमेरिकन सेंटर फॉर लॉ एंड जस्टिस’ के अंतरराष्ट्रीय कानूनी निदेशक तिफ्रफानी
बारान्स ने कहा, "ईरान प्रत्येक साल ईसाई समुदाय को ख्रीस्तमस काल में नीचा दिखाता रहा
है और वर्ष 2012 में भी यह जारी रहा।" उन्होंने कहा कि याउसेफ नादारखानी की पुनः
गिरफ़्तारी जिस समय की गयी वह इस बात का कठोर संदेश है कि किसी भी ईसाई को कभी भी सजा
दी सकती है। मालूम हो कि सन् 2012 के फरवरी माह में पास्टर याउसेफ़ को सजा देने की
बात सामने आयी थी और अमेरिका यू.एन. तथा ब्राजील के प्रयास से सितंबर 2012 में उस पर
लगे स्वधर्मत्याग आरोप से मुक्त किया गया था। उसे अपने परिवार लौट जाने की अनुमति भी
मिल गयी थी। ईरान की सरकार का कहना है कि याउसेफ को तीन साल की सजा जेल में ही पूरी
करनी है। बारान्स को डर है कि ईरानी सरकार अपने वादे से कहीं मुकर न जाये। फिर भी
उन्होंने आशा व्यक्त की है कि याउसोफ अपनी सजा पूरी करने के बाद पूर्ण रूप से रिहा कर
दिये जायेंगे। निदेशक ने कहा कि उनका संगठन विश्व के विभिन्न नेताओं से वे अपना संपर्क
बनाये हुए है ताकि ईरान को मूलभूत धार्मिक स्वतंत्रता के हनन के लिये ज़िम्मेदार बनाया
जा सके।