वाटिकन सिटी, 12 दिसंबर, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत
पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों
को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा, ख्रीस्त
में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, ‘विश्वास वर्ष’ के अवसर पर हम आज के आमदर्शन समारोह
की धर्मशिक्षा में ‘विश्वास’ विषय पर चिन्तन करना जारी रखें।
पिछले सप्ताह हमने
‘ईश्वर की मुक्ति योजना’ के बारे में चिन्तन किया। आज हम ईश्वर की प्रकाशना और मुक्ति
के बारे में विचार करना जारी रखें। धर्मग्रंथ हमें बतलाते हैं कि ईश्वर ने अपने को विभिन्न
घटनाओं के द्वारा प्रकट किया।
इस्राएल के इतिहास में निर्गमन की घटना और मानव
का ईश्वर के साथ नया विधान स्थापित होने की घटना में ईश्वर की प्रकाशना दिखाई देती है।
पीढ़ी-दर-पीढ़ियों तक इस्राएल ने इन घटनाओं को याद किया और ईश्वर द्वारा बचाये
जाने की याद में उत्सवों का आयोजन किया।
इसके साथ उन्होंने नबियों के द्वारा
इस बात को भी सीखा कि उन्हें उस लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना है जिसे ईश्वर ने प्रत्येक मानव
के लिये बनाया है।
ईश्वर की योजना मानव इतिहास में समय से पूरी हुई जब ईशपुत्र
येसु ख्रीस्त ने शरीरधारण किया।
आगमन का समय हमें इस बात के लिये आमंत्रित करता
है कि हम ईश्वर की इस प्रगतिशील प्रकाशना पर चिन्तन करें और इस बात को जानें कि प्रभु
येसु ख्रीस्त द्वारा ईश्वर हमें अपनी ओर लगातार आकर्षित करते हैं। विभिन्न बाधाओं
और जीवन में छिछलापन आने के बाद भी हम विश्वास, आशा और प्रेम में मजबूत हों और येसु की
उपस्थिति को पहचानें और अपने जीवन से उस येसु की उपस्थित का साक्ष्य दें जिनकी रोशनी
और खुशी ने बेतलेहेम और पूरी दुनिया को प्रकाशित किया।
इतना कह कर संत पापा ने
अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने मिशनरीस ऑफ चैरिटी धर्मसमाज के अंतिम मन्नत
लेनेवाली धर्मबहनों और ओकलाहोम वेसलेयन युनिवर्सिटी के विद्यार्थियों का अभिवादन किया।
उन्होंने देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों
पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।