एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ की बैठक वियतनाम में
सान लोक वियतनाम 11 दिसम्बर 2012 (फीदेस समाचार सेवा) वियतनाम के सान लोक स्थित पास्टोरल
सेन्टर में एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ (एफएबीसी) की 10 वीं पूर्णकालिक सभा
10 दिसम्बर से आरम्भ हुई। इस बैठक का शीर्षक है- एफएबीसी के 40 वर्ष एशिया की चुनौतियों
का प्रत्युत्तर देना। इस बैठक में 100 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए हैं। इस बैठक में
संत पापा के प्रतिनिधि फिलीपीन्स में मनीला के सेवानिवृत्त धर्माध्यक्ष कार्डिनल गाउदेन्सियो
रोसालेस हैं। एफएबीसी में सुसमाचार प्रचार विभाग के अध्यक्ष गुवाहाटी के सेवानिवृत्त
महाधर्माध्यक्ष मान्यवर थोमस मेनामपरम्बिल ने फीदेस समाचार सेवा को भेजे गये एक संदेश
में कहा कि यह अपरिहार्य है कि एशिया में सुसमाचार का प्रचार प्रतीकों के द्वारा किया
जाये। ईसाई एशिया के लोगों के लिए ईश्वर के प्रेम के प्रतीक बनें। महाधर्माध्यक्ष ने
गलफमियों को दूर करते हुए कहा कि सुसमाचार प्रचार करना कोई अभियान चलाने या व्यवसायिक
और वैचारिक प्रोपागंडा करने का रूप नहीं है। यह आध्यात्मिक मुक्काबाजी मैच नहीं है और
न ही यह एशिया के लोगों की परम्पराओं, अस्मिता या सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि ख्रीस्त ऊपर उठाने, चंगा करने और मजबूती प्रदान करने आते हैं न कि हानि
पहुँचाने या नष्ट करने जो मानव के लिए मूल्यवान है। मान्यवर थोमस मेनाम्परम्बिल ने
कहा कि कलीसिया का केन्द्रीय मिशन सुसमाचार प्रचार है। यह वह गतिविधि है जो ईसाई समुदाय
को जीवित रखती है तथा उसे ईश्वर और मानवजाति की सेवा करने में प्रभावी बनाती है। उन्होंने
कहा कि सुसमाचार प्रचार करने का अर्थ है ईश्वर की भलाई को मानव समाज के हर व्यक्ति के
लिए पहुँचाना। यह सौभाग्य है कि इस काम में सहयोग देने के लिए हम बुलाये जाते हैं।