लोकधर्मी देवसहायम पिल्लाई की धन्य घोषणा समारोह सम्पन्न
मुम्बई भारत 4 दिसम्बर 2012 (एशिया न्यूज) भारत के तमिलनाडु राज्य स्थित कोट्टार धर्मप्रांत
में रविवार 2 दिसम्बर को सम्पन्न धन्य घोषणा समारोह में 18 वीं सदी के लोकधर्मी देवसहायम
पिल्लाई को धन्य घोषित किया गया जिसमें देश के विभिन्न भागों से आये विश्वासियों सहित
सैकड़ों हजारों काथलिक शामिल हुए। धन्य घोषणा समारोह शहीद देवसहायम पिल्लाई के जन्मस्थान
के समीप कोट्टार धर्मप्रांत में रामनाथपुर के कारमेल स्कूल परिसर में आयोजित किया गया
जिसमें संत पापा के प्रतिनिधि कार्डिनल आंजेलो अमातो, भारत में वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष
साल्वातोरे पिन्नाकियो, भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड
ग्रेशियस, 40 धर्माध्यक्ष तथा 2000 पुरोहित और धर्मबहनें तथा सैकड़ों हजारों विश्वासियों
ने भाग लिया। समारोह के दौरान कोट्टार के धर्माध्यक्ष पीटर रेमेजियुस ने भारतीय
लोकधर्मी और शहीद देवसहायम पिल्लाई के जीवन के कुछ प्रसंगों को पढ़ा जो 1752 में घटित
हुआ। इससे पहले उन्होंने पिल्लाई की धन्य घोषणा को विश्वास वर्ष का उपहार तथा भारतीय
जनता के लिए वरदान कहा। संत प्रकरण परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल अमातो ने लैटिन भाषा में
प्रेरितिक पत्र को पढ़ा जिसमें देवसहायम पिल्लाई को धन्य घोषित किया गया तथा पूजनधर्मविधि
पंचांग में उनका स्मरण दिवस 14 जनवरी के लिए निर्धारित किया गया है। देवसहायम पिल्लाई
धन्य घोषित होनेवाले पहले भारतीय लोकधर्मी हैं। उनका जन्म 1712 को हुआ था। वे आधिकारिक
रूप से हिन्दु थे जिन्होंने डच नेवी कमांडर के ख्रीस्तीय साक्ष्य को देखते हुए काथलिक
धर्म अपना लिया था।