15 वर्षीय स्कूली छात्रा मलाला यूसफजई को मदर तेरेसा पुरस्कार
कोलकाता, 1 दिसंबर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी) सामाजिक न्याय के लिये पाकिस्तानी 15 वर्षीय
स्कूली छात्रा मलाला यूसफजई और अफगनिस्तान में महिला संबंधी मामलों की पूर्व सह अध्यक्षा
और मंत्री सीमा समर को संयुक्त रूप से मदर तेरेसा मेमोरियल इन्टरनैशनलन अवार्ड 2012 से
सम्मानित किया गया है।
मलाला और सिमा दोनों को हारमॉनी फाउँडेशन ने बुधवार 27
नवम्बर को मुम्बई में आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया।
पुरस्कार समारोह
को संबोधित करते हुए हारमॉनी फाँउन्डेशन के अध्य8 अब्राहम मथई ने कहा कि युसफजई और समर
दोनों को इसलिये पुरस्कृत किया जा रहा है क्योंकि दोनों ने अपनी जान को जोखिम में डाल
कर एक आदर्श के लिये कार्य किया।
विदित हो 9 अक्तूबर को मुस्लिम अतिवादियों यूसुफजई
पर गोलियों चलायी थी और गोली उसके सिर में लगी थी। मलाला की चिकित्सा इंगलैंड के बिरमिंघम
में चल रही है। मलाला ने महिलाओं के अधिकार के लिये अपनी आवाज़ बुलंद की थी।
दुसरी
ओर, सीमा ने महिलाओं के अधिकार, उनकी शिक्षा और उनकी मुक्ति के अपना योगदान दिया था।
सीमा पेशे से एक डॉक्टर हैं और वे अफगनिस्तान में महिला संबंधी मामलों की मंत्री भी रहीं
हैं और अभी अफगान इडीपेनडेन्ट ह्रूमन राइट्स कमीशन की अध्यक्षा हैं।
मलाला के
पिता जियाउद्दीन युसुफजई ने हारमॉनी फाउन्डेशन को अपनी पुत्री की ओर से जो पत्र लिखे
वह ह्रदयस्पर्शी है। उन्होंने लिखा, "यह हमारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है विशेष करके जब
हम इस तकलीफ़ में हें। मलाला को पुरस्कृत करना उनके लिये भी महत्वपूर्ण है जिन्हें मूलभूत
शिक्षा के अधिकार के लिये कार्य करना है।"
विदित हो अब्राहम मथई ने हारमॉनी
फाउन्डेशन की स्थापना सन् 2005 में की ताकि वे धर्म, जाति, विश्वास, लिंग या क्षेत्र
का भेदभाव किये शांति और वार्ता को बढ़ावा दे सके । इसी फाउन्डेशन ने सन् 2007 में सामाजिक
न्याय के लिये मदर तेरेसा मेमोरियल इंटरनैशनल एवार्ड की भी स्थापना की।