2012-11-28 14:57:12

दलाई लामा के विचारों में ‘विरोधाभास’


मुम्बई, 28 नवम्बर, 2012 (एशियान्यूज़) ग्लोबन कौंसिल ऑफ इंडियन क्रिश्चियन (जीसीआईसी) के अध्यक्ष साजन जोर्ज ने कहा है कि ईसाई और धर्मपरिवर्तन पर दलाई लामा के वक्तव्य ‘विरोधाभासपूर्ण’ है और उनके विचार हिन्दुत्व विचारधारा के समान है जिससे नासमझी पैदा हो सकती है।

तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा था, "एक धर्म को चाहिये कि वह अपने कार्यों को सेवा संबंधी कार्यों तक ही सीमित रखे जैसे शिक्षा देना और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना और धर्मपरिवर्तन जैसे मुद्दों से अपने का बाहर रखे।"

उन्होंने यह भी कहा, "ईसाइयों ने शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान दिये हैं और उन्हें चाहिये कि वे समाज को मदद करने के लिये ही अपना योगदान दें।"

बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने बंगलोर के क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में ‘विज्ञान और धर्म’ विषय में आयोजित सेमिनार में अपने विचार दिये।

दलाई लामा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति सबकुछ जानकार धर्म को गले लगाता तो ऐसा कार्य निन्दनीय नहीं है।

साजन जोर्ज ने कहा कि दलाई लामा की बातें बौद्ध धर्म के इतिहास के विपरीत हैं।
यह जगज़ाहिर है कि महात्मा बुद्ध अपने ज्ञान की प्राप्ति के बाद दूसरों को ‘मध्यम पथ’ की शिक्षा दी।

उन्होंने पूरे उत्तरी-पूर्वी भारत का दौरा किया और जाति और लिंग का भेदभाव किये अपने दर्शनशास्त्र को लोगों को बतलाया।










All the contents on this site are copyrighted ©.