वाटिकन सिटी, 24 नवम्बर, 2012 (एपी, सेदोक वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 24 नवम्बर,
शनिवार को वाटिकन सिटी के संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित एक भव्य समारोह में 6 नये
महाधर्माध्यक्षों को लाल टोपी और सोने की अँगूठी देकर कार्डिनल की उपाधि प्रदान की।
नये
कार्डिनलों में भारत की सिलोमलंकरा कलीसिया के त्रिवेन्द्रम के महाधर्माध्यक्ष बसेलियोस
क्लेमीस थोट्टुंकल के अलावा फिलीपींस के महाधर्माध्यक्ष लुईस अंतोनियो तागले, नाईजीरिया
के अबुजा के महाधर्माध्यक्ष जोन ओलोरुनफेमी ओनायेकन, कोलोम्बिया के बोगोटा के महाधर्माध्यक्ष
रूबेन सालाज़ार गोमेज़, लेबनान के मारोनाइट पैट्रियार्क बेचारा बोरत्रोस राई और अमेरिकी
कार्डिनल जेम्स मिखाएल हारवी शामिल हैं।
संत पापा ने लोगों को संबोधित करते हुए
कहा कि 6 नये कार्डिनलों का बनाया जाना फरवरी में आयोजित कार्डिनल उपाधि समारोह को पूर्ण
करता है क्योंकि उस समारोह में मुख्य रूप से यूरोप और वाटिकन के 22 नये कार्डिनल शामिल
थे।
उन्होंने कहा कि छः नये महाधर्माध्यक्षों को कार्डिनल उपाधि दिया जाना इस
बात की ओर इंगित करता है कि काथलिक कलीसिया विश्वव्यापी है न कि सिर्फ़ किसी एक महादेश
तक सीमित। कार्डिनल मंडली में नये 6 नये कार्डिनलों को शामिल हो जाने से कार्डिनलों
की संख्या 120 हो गयी है जिसमें 62 यूरोपियन कार्डिनल संत पापा के चुनाव में हिस्सा ले
सकते हैं अर्थात् उनकी आयु 80 से कम है। लैटिन अमेरिकी राष्ट्रों के 21, उत्तरी अमेरिका
के 14 अफ्रीका के 11, एशिया के 11 और ऑसियाना के 1 कार्डिनल शामिल हैं।