धर्मबहन वाल्सा जोन की हत्या के एक साल बाद भी ट्रायल शुरू नहीं
दुमका झारखंड 16 नवम्बर 2012 (फीदेस) भारत के झारखंड राज्य में संथाल जनजाति समुदाय के
लोगों की मानवाधिकार तथा सामाजिक अधिकारों की रक्षा के लिए काम करनेवाली Sisters of Charity
of Jesus and Mary धर्मसमाज की धर्मबहन वाल्सा जोन की 15 नवम्बर 2011 को हत्या कर दी
गयी थी। येसुसमाजी पुरोहित फादर टोम कवाला ने फीदेस समाचार सेवा से कहा कि उनकी हत्या
के आरोप में गिरफ्तार किये गये 7 अभियुक्तों पर अबतक ट्रायल कार्यवाही आरम्भ नहीं हो
सकी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और आर्थिक ताकतों का बहुत अधिक दबाव है जो पारदर्शिता
और न्याय के मार्ग में बाधा है। धर्मबहन वाल्सा जोन की पाकुड़ जिला स्थित अपने निवास
में ही 15 नवम्बर 2011 की रात्रि में हत्या कर दी गयी थी। उन्होंने अपने निवास स्थान
क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ जनजातीय समुदायों के अधिकारों के रक्षा के लिए काफी संघर्ष
किया था। फादर कवाला ने कहा कि धर्मबहन वाल्सा जोन की शहादत गरीब और वंचित समुदायों के
अधिकारों की रक्षा के लिए थी। भारत में निर्धनतम लोगों की सामाजिक प्रगति के लिए काम
करनेवाले सब लोगों को उनका अनुभव प्रेरणा प्रदान करता है। धर्मबहन वाल्सा जोन के
निधन की पहली पुण्यतिथि पर दुमका स्थित येसुसमाजियों के चर्च में दिल्ली स्थित इंडियन
सोशल इंस्टीच्यूट के निदेशक फादर प्रकाश लुईस ये.स. द्वारा ख्रीस्तयाग अर्पित किया गया
जिसमें 25 पुरोहित, 80 धर्मबहनें तथा 500 से अधिक लोकधर्मी (ईसाई और गैर ईसाई) भी उपस्थित
थे।