2012-11-11 10:15:14

वाटिकन सिटीः लैटिन भाषा को प्रोत्साहित करने के लिये बेनेडिक्ट 16 वें ने जारी किया "मोतू प्रोप्रियो"


वाटिकन सिटी, 11 नवम्बर सन् 2012 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, काथलिक कलीसिया में, लैटिन भाषा को प्रोत्साहन देने के लिये, शनिवार को, एक "मोतू प्रोप्रियो" यानि स्वप्रेरणा से लिखा आदेश पत्र जारी किया।
सन्त पापा के आदेश पत्र के अनुसार, लैटिन के अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिये, वाटिकन में, एक नये विभाग का निर्माण किया गया है।
यद्यपि, 40 वर्षों पूर्व प्राचीन शैली की लैटिन भाषाई पूजन पद्धति की जगह स्थानीय भाषाओं ने ले ली थी तथापि, लैटिन, काथलिक कलीसिया की, आधिकारिक भाषा है।
आदेश पत्र में सन्त पापा ने कहा, "वाटिकन ने लैटिन भाषा के ज्ञान एवं अध्ययन के लिये एक नई परमधर्मपीठीय अकादमी की स्थापना की है जो संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के अधीन कार्य करेगी।"
आदेश पत्र में सन्त पापा ने कहा, "सम्पूर्ण विश्व में लैटिन भाषा के प्रति रुचि बढ़ रही है और इस पृष्ठभूमि में नई परमधर्मपीठीय अकादमी का लक्ष्य लैटिन भाषा के विकास को प्रोत्साहन देना होगा।"
उन्होंने कहा कि प्रायः यह देखा गया है कि पुरोहिताभिषेक के लिये तैयारी करनेवाले गुरुकुल छात्र मानव स्वभाव एवं मानवता सम्बन्धी अध्ययन, तथा, विशेष रूप से, लैटिन भाषा में कमज़ोर होते हैं। उन्होंने कहा कि लैटिन भाषा का अध्ययन गुरुकुल छात्रों और पुरोहितों के ज्ञान को गहराई तक ले जायेगा तथा उन्हें प्राचीन कलीसियाई मूलपाठों को बुद्धिगम्य करने में सक्षम बनायेगा।
लैटिन के अध्ययन हेतु स्थापित वाटिकन की नई अकादमी की संहिता के अनुसार, इसका उद्देश्य प्रकाशनों, सम्मेलनों, कार्यशिविरों तथा समारोहों द्वारा लिखित और मौखिक लैटिन भाषा को प्रोत्साहित करना है।









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