आरमाघ के सन्त बेनिन्युस आयरलैण्ड के धर्माध्यक्ष
थे। सेखनान के सुपुत्र तथा "सन्त पैट्रिक के गायक" नाम से भी बेनिन्युस विख्यात थे। सेखनान,
आयरलैण्ड स्थित मीथ के मुखिया थे जिन्होंने सन्त पैट्रिक की संगति में ख्रीस्तीय धर्म
का आलिंगन कर लिया था। बेनिन्युस, सन्त पैट्रिक के शिष्य बने तथा उनके बाद उनके उत्तराधिकारी।
सन् 450 ई. में वे आयरलैण्ड के धर्माध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। अपने धर्माध्यक्षीय
काल के दौरान उन्होंने आयरलैण्ड के क्लेयर, केर्री तथा कॉनोट में ख्रीस्तीय धर्म का प्रचार
किया जिसके परिणामस्वरूप यहाँ के निवासियों ने ख्रीस्तीय धर्म का आलिंगन किया।
बेनिन्युस,
सन्त पैट्रिक द्वारा ड्रमलीज़ में स्थापित एक मठ के, मठाध्यक्ष भी रहे थे। कहा जाता है
कि आयरी विधान संहिता, "सेनखुस मोर" की रचना में बेनिन्युस ने महत्वपूर्ण योगदान दिया
था। इसके अतिरिक्त, "सॉलटर ऑफ काशेल" अर्थात् काशेल की भजनसंहिता तथा "बुक ऑफ राईट्स"
यानि "अधिकार पुस्तक" की रचना में भी बेनिन्युस ने सहायता प्रदान की थी। बेनिन्युस उस
धर्मसभा में उपस्थित थे जिसमें प्रेरितवर सन्त पेत्रुस की पवित्रपीठ को मान्यता देने
वाला विधान पारित किया गया था। यह कलीसियाई विधान आरमाघ के ग्रन्थ में लिखा हुआ है। सन्
467 ई. में बेनिन्युस ने अपने धर्माध्यक्षीय पद से इस्तीफा दे दिया था तथा इसी वर्ष बीमारी
के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। आयरलैण्ड के प्रचारक, सन्त पैट्रिक के गायक तथा काथलिक
मिशनरियों के आदर्श, सन्त बेनिन्युस का पर्व 09 नवम्बर को मनाया जाता है।
चिन्तनः
"पृथ्वी के शासको! न्याय से प्रेम रखो। प्रभु के विषय में ऊँचे विचार रखो और निष्कपट
हृदय से उसे खोजते रहो; क्योंकि जो उसकी परीक्षा नहीं लेते, वे उसे प्राप्त करते हैं।
प्रभु अपने को उन लोगों पर प्रकट करता है, जो उस पर अविश्वास नहीं करते" (प्रज्ञा ग्रन्थ
1:1-2)।