वाटिकन सिटी, 8 नवम्बर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने धन्य जोन
पौल तेइसवें के दस्तावेज़ ‘पाचेम इन तेर्रा’ की पचासवीं वर्षगाँठ के अवसर पर आयोजित सामाजिक
विज्ञान के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के अठारहवें पूर्ण अधिवेशन के लिये एक संदेश
भेजा है। संत पापा समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर मेरी अन्न ग्लेन्डन को भेजे अपने संदेश
में कहा, "शांति और न्याय पर दिये गये संत पापा जोन तेइसवें के संदेश शीत युद्ध के बाद
भी हमारे लिये एक बड़ी चुनौती है। अन्तरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिये आज भी एक-दूसरे
को क्षमा देने की ज़रूरत है।" संत पापा ने कहा कि मानव की गलती के संबंध में ईश्वर
ने सदा ही न्याय और क्षमा तथा न्याय और दया की मिश्रित भावना दिखायी है। दूसरे शब्दों
में इसे ‘दयापूर्ण व्यवस्था’ कहा जा सकता है। संत पापा ने कहा, "क्षमा गलती को अस्वीकार
नहीं करता, पर इसे माफ़ कर ईश्वरीय प्रेम से बदलने की प्रक्रिया में हिस्सा लेता और पूर्ण
कर देता है।" संत पापा ने धन्य जोन पौल द्वितीय की बातों की याद कराते हुए कहा कि
‘न्याय के बिना शांति नहीं, और न्याय बिना क्षमा नहीं।