वाटिकन सिटी, 5 नवम्बर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी)वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको
लोमबारदी ने कहा मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य अनन्त जीवन को प्राप्त करना है। उक्त
बात फादर लोमबारदी ने उस समय कही जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न चैनल के साप्ताहिक कार्यक्रम
‘ऑक्तावा दियेस’ में संतों के साथ एक होने के ख्रीस्तीय विश्वास के बारे में अपने चिन्तन
प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष ख्रीस्तीय समुदाय नवम्बर माह के प्रथम
सप्ताह में आकाश की ओर देखते हैं और उन्हें देखते हैं जिन्हें ईश्वर ने बचाया और संत
बनाया है। उन्होंने कहा कि संतों और मृतकों को देखते हुए ख्रीस्तीय संतों और पूर्वजों
के साथ अपनी आध्यात्मिक एकता को मजबूत करते हैं और प्रार्थना करते हुए यह आशा करते हैं
कि उन्हें भी एक दिन संतों की संगति प्राप्त होगी। फादर लोमबारदी ने कहा कि जब येसु
ने समारी महिला से बातें की थीं तो उन्होंने उससे जीवन मात्र नहीं पर ‘अनन्त जीवन’ प्रदान
करने की प्रतिज्ञा की थी। धर्माध्यक्षों की तेरहवीं महासभा ने भी हमें इसी बात की
याद दिलायी है। उनके अनुसार समारी स्त्री को येसु का संदेश सिर्फ़ यह नहीं है कि हमारा
जीवन बेहतर होगा पर येसु के संग जीने से हमें एक दिन ईश्वर में एक हो जायेंगे। धर्माध्यक्षों
की सभा का संदेश यह भी बतलाता है कि ख्रीस्तीयों के लिये यह उचित है कि वे पूरे विश्वास
और आशा के साथ कार्य करें और एक नये स्वर्ग और नयी धरती के निर्माण के लिये खुद को समर्पित
करें। फादर लोमबारदी ने कहा कि प्रथम सुसमाचार का प्रचार की नींव थी आशा और आज भी
नया सुसमाचार प्रचार आशा के बिना सफल नहीं हो सकता। आज ज़रूरत है कि हम स्वर्ग की ओर
आँखें उठायें जहाँ संत हमारी मदद के लिये तत्पर हैं।