याँगोनः राखिन, संयुक्त राष्ट्र संघ, हिंसा के कारण कम से कम 28,000 विस्थापित
यांगोन, 30 अक्टूबर सन् 2012 (एशियान्यूज़): संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि बर्मा के
हिंसाग्रस्त रखाइन प्रांत में, बर्मा के मूल निवासियों एवं अल्पसंख्यक रोहिंग्या जाति
के लोगों के बीच हिंसा में कम से कम 28,000 लोग विस्थापित हो गये हैं। बर्मा सरकार
रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश से आए अवैध-प्रवासी बताती है। संयुक्त राष्ट्र
संघ ने सचेत कराया है कि राखिन प्रान्त में बर्मा के बौद्ध एवं रोहिंग्या मुसलमानों के
बीच विगत कुछ समय से चल रही जातिगत हिंसा के कारण हज़ारों लोगों ने अपने घरों से पलायान
कर लिया है। राष्ट्र संघ के अनुसार हजारों रोहिंग्या मुसलमानों को मदद की फौरन ज़रूरत
है। बर्मा सरकार का भी अनुमान है कि राखिन प्रान्त से कम से कम 22,000 लोग अपने घरों
को छोड़कर अन्यत्र चले गये हैं। इस बीच, कुछ ग़ैरसरकारी संगठनों के अनुसार, समुद्री
रास्तों से निकल भागे अल्पसंख्यक रोहिंग्या जाति के मुसलमान या तो मारे गये हैं या लापता
हैं। रोहिंग्या मुसलमान कई पीढ़ियों से बर्मा के रखाइन प्रांत में निवास करते आये
हैं। इनमें से अधिकांश, इस समय, अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं, तथापि, जो लोग विगत
सप्ताह समुद्री रास्ते से भाग गए थे, उनके विषय में संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि उन्हें
मदद की सख्त जरूरत है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि जून माह से भड़की जातिगत
हिंसा से दोनों ही जातियों के लोग प्रभावित हुए हैं तथापि इससे रोहिंग्या मुसलमानों को
अधिक क्षति पहुँची है।