भारतीय कलीसिया की विविधता की संत पापा द्वारा सराहना
वाटिकन सिटी 26 अक्तूबर 2012 (सीएनएस) कार्डिनल मनोनीत सीरो मलंकारा काथलिक चर्च के
प्रमुख महाधर्माध्यक्ष बासिलियोस क्लेमिस थोटुंकल ने कहा कि उन्हें कार्डिनल बनाने का
संत पापा का निर्णय भारत के काथलिकों की विविधता में एकता के प्रति संत पापा की सराहना
का चिह्न है। त्रिवेन्द्रम के महाधर्माध्यक्ष तथा पूर्वी काथलिक रीति के विश्वासियों
के आध्यात्मिक गुरु महाधर्माध्यक्ष थोटुंकल धर्माध्यक्षों की धर्मसभा में भाग ले रहे
हैं। उन्होंने धर्माध्यक्षों की धर्मसभा को 13 अक्तूबर को सम्बोधित करते हुए कहा कि
सुसमाचारी मूल्यों का व्यावहारिक साक्ष्य देने की जरूरत पर चर्च अपना ध्यान केन्द्रित
करे तथा यह सुनिश्चित करे कि इसकी पूजनधर्मविधियां प्रार्थना के यथार्थ अनुभव हैं।
महाधर्माध्यक्ष थोटुंकल ने कहा कि कोलकाता की हमारी धन्य मदर तेरेसा ने विश्व के
सामने विशेष रूप से भारत के सामने सुसमाचार प्रचार का बहुत व्यवहारिक साधन लाया वे साक्ष्य
देने का मोडल या नमूना। वे हमारी भूमि में जहां ईसाईयों की जनसंख्या पूरी आबादी का 3
प्रतिशत से भी कम हैं वहां सबसे अधिक प्रभावशाली मिशनरी बनीं। मदर तेरेसा ने सब जगह येसु
का साक्ष्य दिया। उन्होंने धर्मसभा के सदस्यों से कहा कि काथलिकों को साक्ष्य बनने के
लिए प्रोत्साहन देने का काम आप और मुझसे आरम्भ होना चाहिए। सीरो मलंकारा काथलिक
चर्च के प्रमुख महाधर्माध्यक्ष बासिलियोस क्लेमिस थोटुंकल ने कहा कि पूर्ण जीवन देने
की येसु की प्रतिज्ञा ईसाईयों को यह उत्तरदायित्व देती है कि हम मानव जीवन, मानव की मर्यादा
और मानवाधिकारों की रक्षा करें।