2012-10-26 18:39:03

कलीसिया के प्रयासों से कंधमाल में हिन्दुओं और ईसाईयों के मध्य शांति के चिह्न


फुलबनी, ओडिशा 26 अक्तूबर 2012 (एशिया न्यूज) भारत के ओडिशा राज्य स्थित कंधमाल जिले में अब ईसाई, चरमपंथी हिन्दुओं के हमले और हिंसा का नहीं लेकिन शांति और सौहार्द की भावना फिर नये सिरे से अनुभव कर रहे हैं। यह बडे पैमाने पर काथलिक कलीसिया द्वारा किये गये कार्यों का परिणाम है जिसे सन 2008 के दंगों के बाद चलाया गया। विगत कुछ वर्षो में कलीसिया ने दंगा पीडितों के पुर्नवास के लिए सहायता की तथा ईसाईयों के बहिष्कार को समाप्त करने के लिए अनेक उपाय किये।
तिकाबाली प्रखंड के अंतर्गत बोदीमंडा गाँव में सन 2011 तक हिन्दु व्यापारी और टैक्सी चालक दंडित किये जाने के डर से ईसाईयों का बहिष्कार कर उन्हें अपनी सेवा नहीं उपलब्ध कराते थे। सुकानन्दा स्थित मदर ओफ गाड चर्च के सदस्यों ने कहा कि सन 2008 के दंगे के बाद वे व्यापक समुदाय से पूरी तरह अलग कर दिये गये थे।
मोंटफोर्ट मिशनरी ब्रदर के जे मारकोस ने एशिया न्यूज से कहा कि दो साल के गहन प्रार्थना और संवाद के बाद परिस्थितियों में बदलाव आया है। वस्तुतः हाल के पंचायती राज चुनाव में ईसाईयों ने भी भाग लिया और समुदाय की नागरिक और राजनैतिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।
एन नुआगाँव प्रखंड स्थित दोदाबाली गाँव में भी सन 2008 के दंगे में पाँच ईसाई परिवारों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। एक महिला की हत्या हो गयी थी तथा शेष परिवारों ने जान बचाने के लिए पलायन कर लिया था लेकिन स्थानीय कलीसिया के काम के द्वारा परिस्थितियों में बदलाव आया और वे पाँच परिवार अपने गाँव वापस लौट आये हैं तथा पुर्नवास हो गया है। वे अब स्थानीय समुदाय और गाँव की समिति " ग्राम सभा " की गतिविधियों से भी जुड़े हैं।








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